जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । गरीबों का रहनुमा बताने वाले वामपंथी नेता कैसे जनता के पैसे से मस्ती करते हैं इसका खुलासा आरटीआई से हुआ है। जनता के पैसे पर ज्यादातर सांसद बिजनस और फर्स्ट क्लास में उड़ान भरते हैं।
राज्यसभा के ज्यादातर सदस्यों ने एक साल के लिए 10 लाख रुपये से ज्यादा यात्रा भत्ता/महंगाई भत्ता के रूप में हासिल किया है। सबसे ज्यादा खर्चा करने वालों में सीपीआई (एम) के पश्चिम बंगाल से सांसद रितब्रत बनर्जी रहे, जिन्होंने 69 लाख 24 हजार 235 रुपये का दावा किया है। ये राशि लगभग 6 लाख रुपये प्रति महीना है।
आरटीआई से पता चला है कि लोकसभा के सभी सदस्यों का अप्रैल 2016 से मार्च 2017 एक साल का यात्रा और महंगाई भत्ते के रूप में कुल खर्च 95 करोड़ 70 लाख, एक हजार 830 रुपये रहा। वहीं राज्यसभा के सभी सदस्यों का इसी दौरान का कुल खर्च 35 करोड़ 89 लाख, 31 हजार 862 रहा। सांसदों के लिए खर्च इतना ज्यादा इसलिए है कि ज्यादातर सांसद फर्स्ट क्लास या फिर बिजनस क्लास में उड़ान भरते हैं। सांसदों के पास किराए का एक चौथाई महंगाई भत्ता के रूप में पाने का भी अधिकार है।
लोकसभा के सबसे ज्यादा खर्च करने वालों में तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी एआईएडीएमके के दो सांसद हैं। इनमें पार्टी सांसद डॉ. के. गोपाल ने 57 लाख 54 हजार 307 रुपये बतौर यात्रा और महंगाई भत्ता दावा किया है। जबकि, दूसरे नंबर पी. कुमार ने 44 लाख 29 हजार 901 रुपये का दावा किया है। अंडमान और निकोबार से बीजेपी सांसद बिष्णु पद रे ने यात्रा और महंगाई भत्ते के तौर पर 41 लाख 6 हजार 684 रुपये का दावा किया है।