जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का अंतिम बजट साल 2018 में पेश होगा। साल 2019 में आम चुनाब में मोदी सरकार को जाना होगा इसलिए अंतरिम बजट ही पेश कर सकेगी। इसलिए वित्त मंत्रालय केंद्रीय बजट (2018-19) पर काम अगले सप्ताह से शुरू कर देगा। वित्त मंत्रालय विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए समयसीमा जारी करेगा। अगला बजट फरवरी में पेश किया जाना है।
बीजेपी नीत एनडीए सरकार का 2019 में होने वाले आम चुनावों से पहले अंतिम पूर्ण बजट होगा। व्यवस्था के तहत चुनावी वर्ष में सीमित अवधि के लिए जरूरी सरकारी खर्च को लेकर मंजूरी या लेखानुदान पेश किया जाता है और नई सरकार पूर्ण बजट पेश करती है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय अगले सप्ताह बजट परिपत्र जारी करेगा और अक्तूबर से अन्य मंत्रालयों के साथ चालू वित्त वर्ष के लिये व्यय संशोधित अनुमान के लिये विचार-विमर्श शुरू करेगा। बजट परिपत्र में निर्धारित प्रारूप के साथ बजट आवश्यकता के बारे में वित्त मंत्रालय को जानकारी देने को लेकर समयसीमा का जिक्र होगा।
आजादी के बाद देश के सबसे बड़े टैक्स सुधार जीएसटी को 1 जुलाई से लागू किया गया था। 2017-18 के बजट में टैक्स का वर्गीकरण अलग था और अगले बजट में कई अप्रत्यक्ष करों के खत्म हो जाने के कारण बजट में बड़े बदलाव करने होंगे। एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि जीएसटी दरों के बारे में निर्णय केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद करेगी, ऐसे में 2018-19 के बजट में जीएसटी से संबंधित कोई टैक्स प्रस्ताव नहीं होगा। बजट में सरकार की नई योजनाओं और कार्यक्रमों के साथ केवल प्रत्यक्ष कर (व्यक्तिगत इनकम टैक्स और कार्पोरेट टैक्स) के मामले में बदलाव के प्रस्ताव होंगे। इसके अलावा सीमा शुल्क का प्रस्ताव होगा।