जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । आयकर विभाग ने अगले महीने से कालेधन का पता लगाने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइटों को खंगालने का फैसला किया है। आयकर विभाग अगले महीने से प्रॉजेक्ट इनसाइट शुरू करने जा रहा है।
इस विशेष प्रॉजेक्ट के तहत विभाग बड़े पैमाने पर डेटा विश्लेषण और सोशल साइटों पर मौजूद सूचनाओं को मिलाएगा जिससे किसी व्यक्ति के खर्च के तरीके और घोषित आमदनी के बीच अंतर का पता लगाया जा सके। एक अधिकारी ने कहा कि आयकर विभाग टैक्स चोरी और काले धन को पकड़ने के लिए आय घोषणा और खर्च के तरीके में अंतर का विश्लेषण करेगा। किसी व्यक्ति की आय और संपत्ति का पता लगाने के लिए आयकर विभाग ने पैन को आधार से जोड़ना भी अनिवार्य कर दिया है।
आयकर विभाग ने पिछले साल प्रॉजेक्ट इनसाइट के क्रियान्वयन के लिए L&T इन्फोटेक के साथ करार किया था। इसका मकसद लोगों द्वारा टैक्स भरने में सुधार के लिए सूचनाओं को जुटाना है। एक अधिकारी ने कहा, ‘फिलहाल बीटा परीक्षण चल रहा है। प्रॉजेक्ट इनसाइट के लिए एकीकृत प्लेटफॉर्म अगले महीने शुरू किया जाएगा। आयकर विभाग ने टैक्स का दायरा बढ़ाने के लिए प्रॉजेक्ट इनसाइट परियोजना की पहल की है जिसके तहत आयकर विभाग डेटा जुटाने का काम करेगा। इससे टैक्स अधिकारियों को ऊंचे मूल्य के लेनदेन का पता लगाने और कालेधन के प्रवाह पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
अधिकारी ने कहा कि इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी पर आधारित प्रॉजेक्ट इनसाइट परियोजना से सूचना आधारित रुख को मजबूत करने में मदद मिलेगी और टैक्स भरने में सुधार होगा। इस नए तकनीकी ढांचे का इस्तेमाल विदेशी खाता कर अनुपालन कानून ((FATCA) और सामान्य रिपोर्टिंग मानक (CRS) के लिए भी किया जाएगा। प्रॉजेक्ट इनसाइट के तहत एक नया अनुपालन प्रबंधन केंद्रीयकृत प्रसंस्करण केंद्र (CMCPC) स्थापित किया जाएगा।