जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा है कि विदेश में भारत का अपमान किया है। हालांकि, इसके कुछ देर बाद ही बीजेपी ने पलटवार किया। बीजेपी की तरफ से केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि प्रधानमंत्री पर राहुल का तंज कसना कोई नया नहीं है। उन्हें पता नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश की निंदा करना कितना उचित और अनुचित है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने खुद ही स्वीकार किया कि सोनिया जी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी में अहंकार आ गया था। स्मृति के मुताबिक, देश सुन नहीं रहा है, इसलिए वह विदेश में जाकर बोल रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कार्यकाल में जीएसटी पारित नहीं होना अपने आप में इस बात का संकेत है कि उसने प्रदेशों और राज्य सरकारों को विास में लेने का प्रयास नहीं किया ।
उन्होंने जोर दिया कि दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जीएसटी के विषय पर सभी दलों और प्रदेश सरकारों को विास में लिया गया । यह सहकारी संघवाद और बेहतर राजनीतिक संवाद का उदाहरण है । वित्त मंत्री अरूण जेटली भी बार बार यह दोहराते रहे हैं कि जीएसटी के बारे में जो भी फैसले लेते हैं, वे सभी प्रदेश सरकारों की सहमति से होते हैं ।
स्मृति इरानी ने कहा कि वंशवाद पर राहुल गांधी ने जो कुछ कहा है वह देश के लोगों का अपमान है। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी जी ने जब विदेश में कहा कि हिंदुस्तान तो ऐसा ही है। यहां विरासत ही सबकुछ है। यह उनका अपमान है जो अपने भरोसे कुछ करके दिखाते हैं। प्रधानमंत्री स्वयं एक एक गरीब परिवार में जन्मे हैं। राष्ट्रपति भी वंचित परिवार से आते हैं और उपराष्ट्रपति जी किसान के बेटे हैं जिन्हें संघर्ष के बाद यह दायित्व मिला है। इन तीन व्यक्तियों का शीर्ष पर होना बताता है कि लोकतंत्र में विरासत से नहीं, मेरिट से काम चलता है।’ बता दें कि राहुल गांधी ने कहा था कि भारत में विरासत से बहुत कुछ चलता है। उन्होंने इसके लिए अखिलेश यादव और अभिषेक बच्चन का उदाहरण भी दिया था।
उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी ने जो कांग्रेस पार्टी में अहंकार के बारे में संकेत दिया है, उनकी पार्टी के लिए यह चिंता की बात है। उनकी सफलता और विपलता का मापदंड अमेठी आकर देखना चाहिए। राहुल ने अपने इलाके में कितना विकास किया, उसी पर चर्चा और गोष्ठी कर लेते तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाता।’ राहुल के जीएसटी और नोटबंदी पर उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए स्मृति ने कहा, ‘कांग्रेस के नेतृत्व में जीएसटी की विफलता इस बात का संकेत थी कि कांग्रेस ने किसी भी राजनीतिक दल को विश्वास में नहीं लिया और न ही राज्यों का विश्वास जीत पाई। अगर राहुल गांधी जी स्वयं सुनने के आदी होते तो जीएसटी यूपीए सरकार में ही लागू हो जाता।’
खबरों के अनुसार, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बर्कले यूनिवर्सिटी में मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि आज नफरत और हिंसा की राजनीति हो रही है । हिंसा का मतलब मुझसे बेहतर कौन जान सकता है । हिंसा में मैंने अपने पिता और दादी को खोया है । उन्होंने कहा कि संसद को अंधेरे में रखकर नोटबंदी लाई गई और नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है ।
राहुल ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने को तैयार हैं, अगर पार्टी कहेगी तो जिम्मेदारी लूंगा । राहुल ने वंशवाद पर कहा कि हमारा देश परिवारवाद से ही चलता है. उन्होंने कहा, परिवारवाद पर हमारी पार्टी पर निशाना न साधें, हमारा देश इसी तरह काम करता है । इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता हूं । उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि 2012 में कांग्रेस पार्टी के अंदर अहंकार भर गया था और पार्टी ने जनता से संवाद कम कर दिया, जिसके चलते लोगों से दूरी बन गई ।स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कार्यकाल में जीएसटी पारित नहीं होना अपने आप में इस बात का संकेत है कि उसने प्रदेशों और राज्य सरकारों को विश्वास में लेने का प्रयास नहीं किया ।