जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । जापान के पीएम शिंजो आबे ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ भारत में बुलेट ट्रेन की नींव रखते हुए चीन को इशारों में, तो पाकिस्तान को सीधे शब्दों में चेतावनी दे दिया। आबे ने चीन पर इशारों में अटैक करते हुए भारत के साथ दोस्ती पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि ताकतवर जापान भारत के हित में है और मजबूत भारत जापान के हित में है। बुलेट ट्रेन के शिलान्यास के बाद आबे ने साझा बयान में आतंकवादियों को शह देने को लेकर पाकिस्तान को फटकार भी लगाई।
साझा बयान में मुंबई और पठानकोट हमलों का जिक्र करते हुए पाक को आतंक पर लगाम लगाने की सलाह दी गई। साझा बयान में कहा गया है कि भारत और जापान अलकायदा, ISIS जैसे समूहों और पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा एवं उससे संबद्ध संगठनों के खिलाफ सहयोग मजबूत करेंगे। इसके साथ ही पाकिस्तान से 2008 में मुंबई में और 2016 में पठानकोट में हुए आतंकवादी हमलों सहित आतंकवादी हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के घेरे में लाने को कहा गया है।
गुरुवार को यहां बुलेट ट्रेन के भूमि पूजन के मौके पर आबे ने अपने भाषण की शुरुआत में हिंदी में नमस्कार से किया और अंत में धन्यवाद। ‘जय इंडिया, जय जापान’ का नारा देते हुए उन्होंने कहा कि जापान का जे और इंडिया का आई मिला दें तो यह हिंदी में जय यानी विजय बन जाता है। जापान और भारत के बीच का सहयोग केवल द्विपक्षीय नहीं रहा, यह यह विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी में विकसित हुआ है। भारत और जापान स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानव अधिकार और कानून का नियम जैसे बुनियादी मूल्यों को साझा करते हैं।
भारत-चीन के बीच डोकलाम विवाद के बाद आबे ने कहा कि भारत और जापान कई एशियाई परंपराओं की अगुआई करते हैं, जिनमें मौजूदा स्थिति में बलपूर्वक बदलाव को स्वीकार न करना और विवादों का शांतिपूर्वक हल खोजना शामिल है।
चीन के वन बेल्ट वन रोड प्रॉजेक्ट में पारदर्शिता न होने के आरोप के बीच आबे ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सभी देश सभी स्वतंत्र और खुले विकास की इच्छा रखते हैं। वे चाहते हैं कि क्षेत्रीय संप्रभुता का आदर हो, ऐसा विकास हो जो उसके नागरिकों की इच्छा अनुसार हो। इसे साकार करने के लिए जापान और भारत अपने सहयोग को और मजबूत बनाएंगे।
आबे ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा, ‘मेरे प्रिय मित्र मोदी वैश्विक और दूरदर्शी नेता हैं। उन्होंने 2 साल पहले भारत में हाई स्पीड रेल लाने और न्यू इंडिया का निर्माण करने का फैसला किया और इसके लिए उन्होंने जापान के शिनकानसेन (हाई स्पीड रेल तकनीक) को चुना। जापान के इंजिनियरों की शिल्प कौशल के प्रति निष्ठा और भारत के इंजिनियरों की कार्य करने की क्षमता, दोनों मिलकर सहयोग करें तो कोई ऐसा काम नहीं, जो पूरा करना संभव ना हो।
आबे ने कहा कि जापान ‘मेक इन इंडिया’ के प्रति प्रतिबद्ध है। जापान की उच्चस्तरीय तकनीक और भारत के उत्तम मानव संसाधन सहयोग करें तो भारत विश्व का कारखाना बन सकता है। जापान की कावासाकी हेवी इंडस्ट्रीज और भारत की बीएचईएल भारत में हाई स्पीड ट्रेन का रोलिंग स्टॉक बनाने में सहयोग करेंगे। पूरे भारत में शिनकानसेन के लिए जापान की कंपनियां और सरकार कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार हैं। जापान में शिनकानसेन सेवा जबसे शुरू हुई है, एक भी घातक दुर्घटना नहीं हुई है। मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि यह विश्व की सबसे सुरक्षित रेल सेवा है। इस साल जापान ने तीन बार सुरक्षा विशेषज्ञों को भारत भेजा है। जापान उत्तम स्तर की रेल सुरक्षा का ज्ञान साझा करेगा और भारत की सभी रेल सेवाओं में सुरक्षित करने में सहयोग देगा।’
जब मैं यहां पहुंचा था तो मुझे एयरपोर्ट से बहुत सुंदर दृश्य दिखे थे। आशा करता हूं कि जब मैं भविष्य में अहमदाबाद जाऊं तो शिनकानसेन में बैठकर खिड़की से बाहर देखते हुए मोदी से बातें करते हुए आऊं।