जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमले कर रहे हैं। राहुल की योजना है कि पांच साल तक मोदी सरकार के चैन से सोने न दिया जाए। इसलिए उनकी टीम और ऑफिस फिलहाल आगामी हफ्तों में राहुल गांधी के सियासी दौरों का खाका खींचने में जुटी है।
बताया जाता है कि जून में राहुल गांधी एक के बाद एक लगातार तूफानी दौरे कर सकते हैं। बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की स्थिति को सुधारने के लिए वह कई दौरे कर सकते हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्य भी शामिल हैं।
कांग्रेस की रणनीति है कि राज्यों के दौरे के दौरान राहुल किसान बिल, किसान मुद्दों के अलावा राज्यों की लोकल समस्याओं और मुद्दों को उठाने के साथ-साथ अपने संगठन की मजबूती की ओर भी ध्यान देंगे।
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी आगामी 2 जून को मध्य प्रदेश के महू जा रहे हैं, जहां वह कांग्रेस द्वारा बाबा साहब अंबेडकर की 125वीं जयंती के सिलसिले में एक साल के आयोजन की औपचारिक शुरूआत करेंगे। दरअसल, महू अंबेडकर की जन्मस्थली है।
वहीं राहुल गांधी 6 जून को पश्चिम बंगाल का दौरा कर रहे हैं। बताया जाता है कि बंगाल दौरे की योजना राहुल की टीएमसी नेता मुकुल रॉय से मुलाकात के बाद बनी। जहां उन्होंने राहुल से बंगाल आने की बात कही। कोलकाता दौरे का एक मकसद कांग्रेस संगठन से जुड़े मामलों को देखना है।
दूसरी ओर राहुल गांधी जून में वाराणसी का दौरा करेंगे। उल्लेखनीय है कि मोदी के एक साल पूरा होने के बाद राहुल के जाने का मकसद मोदी के चुनावी दावों और वादों का जमीनी स्तर पर हुए काम का जायजा लेना और उसकी समीक्षा करना होगा।
पिछले एक साल में हुए बनारस के विकास के साथ गंगा की सफाई पर भी राहुल की नजर रहेगी। वहीं राहुल की टीम बनारस के अलावा यूपी के अन्य शहरों में संभावनाएं देख रही है, जहां राहुल का दौरा बनाया जा सके। राहुल यहां किसानों के साथ-साथ लोकल मुद्दों को उठा सकते हैं।