जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। भूमि अधिग्रहण बिल पर तीसरी बार नरेंद्र मोदी सरकार अध्यादेश जारी करेगी। आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस पर मुहर लगा दी है।
4 जून को पुराने अध्यादेश की मियाद खत्म हो रही थी। लोकसभा से पास होकर राज्यसभा में एनडीए का बहुमत ना होने के कारण बिल अबतक अटका हुआ है। सरकार इस बिल को पास कराने की हरसंभव कोशिश कर रही है लेकिन विपक्ष बिल में कई खामियां गिना रहा है।
दरअसल विपक्ष लगातार जमीन अधिग्रहण बिल का ये कहते हुए विरोध कर रहा है कि ये बिल किसानों के खिलाफ और उद्योगपतियों के लिए मददगार है। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है। ऐसे में इस बिल को पास करवाना टेढ़ी खीर बन गया है।
मार्च में भारी विरोध के बीच लाए गए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को कानून में बदलने की केंद्र सरकार ने पूरी कोशिश की, लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते यह संभव नहीं हो सका. फिलहाल यह बिल संसद की ज्वाइंट कमेटी के पास है, जो इस पर विचार कर रही है। राजनीतिक दलों के अलावा किसान नेताओं ने भी नए भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध किया है, लेकिन सरकार अपने फैसले पर अड़ी हुई है।
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