जनजीवन ब्यूरो
नई दील्ली। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक समेत कई राजनेता हैं जो कैंसर को मात देकर सामान्य जिंदगी जी रहे हैं। इसके लिए आंतरिक शक्ति का होना बेहद जरुरी है।
शरद पवार कुछ साय पहले तक मुंह के कैंसर से पीड़ित थे। उन्होंने सर्जरी करवाई और आज बेहतर जिंदगी जी रहे हैं।
राम नाईक खुद कहते हैं कि मेरे साथ भी 20 साल पहले ऐसा ही हुआ था। मुझे भी ब्लड कैंसर था, हम सब मिलकर लड़े और जीत गए। आगरा कैंसर सोसायटी और रोटरी क्लब आफ आगरा ताज सिटी द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर यह बातें कहीं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 1994 में उन्हें भी ब्लड कैंसर हुआ था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी से मिला तो उनकी आंखें नम हो गईं। राज्यपाल ने कैंसर के डर और महंगे खर्चे के चलते इलाज न करा पाने की समस्या को भी सामने रखा। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी भी कैंसर पर रिसर्च कर रही थी और फ्रांस में थी। टाटा हॉस्पिटल, मुंबई के डॉक्टरों ने उनका लिम्फोमा (ब्लड कैंसर) का इलाज किया और आठ महीने में वे स्वस्थ हो गए। उन्होंने डॉक्टरों से अपील की कि पैसे के अभाव में कैंसर मरीजों का इलाज बंद नहीं करना चाहिए। संस्थाएं और कारोबारी भी कैंसर रोगियों के इलाज के लिए आर्थिक मदद करें।
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