जनजीवन ब्यूरो / मुंबई । नालासोपरा के स्कूल में परेशान किए जा रहे 14 साल के बच्चे ने अपनी जान देने की कोशिश की। उसके भाई ने उसे बचा तो लिया पर बच्चा अभी गंभीर हालत में है।
बच्चे का परिवार मलाड में शिफ्ट हुआ था जिसके बाद जुलाई मे उसने यह स्कूल जॉइन किया था। सोमवार को जब वह स्कूल से वापस आया तो उसके माता-पिता बाजार गए थे। खुद को घर में अकेला पाकर उसने फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की। तभी उसका बड़ा भाई विवेक वहां पहुंच गया और उसने बच्चे की जान बचा ली। बच्चे का इलाज अस्पताल में चल रहा है और डॉक्टरों का कहना है कि अगले 48 घंटे काफी अहम होंगे।
बच्चे के माता-पिता कहना है कि जबसे उसने नालासोपारा में स्कूल जॉइन किया था तबसे वह परेशान था। कुछ बच्चे उसे मारते-पीटते, उसका खाना छिपा देते, पानी गिरा देते। वह उसका बैग और किताबें भी फेंक देते थे।
स्कूल के सेक्रेटरी एसपी सिंह ने बताया कि एक महीने पहले बच्चे ने अपने माता-पिता से सारी बात बताई। उन्होंने स्कूल प्रशासन से मिलकर इसकी शिकायत की। प्रशासन ने भी संज्ञान लेते हुए बच्चों को फटकार लगाई। लेकिन इससे कुछ असर नहीं हुआ।
जहां एक ओर बच्चे के परिवार का आरोप है कि बार-बार शिकयत करने पर भी स्कूल ने कोई कदम नहीं उठाया वहीं स्कूल सेक्रेटरी का कहना है कि पहली बार डांट लगाने के बाद से बच्चे को घरवालों कोई शिकायत ही नहीं की और उन्हें लगा कि अब सब ठीक हो गया है।
शुक्रवार को फिर चोट के साथ घर पहुंचे बच्चे ने बताया कि उन्हीं शैतान बच्चों ने उसे नोचा है। इसकी शिकायत घरवालों ने स्कूल में की तो क्लास में उन बच्चों से अलग बैठा दिया। सिंह ने बताया कि बच्चे की खुदकुशी के प्रयास की खबर मिलने पर उन्होंने उन बच्चों से पूछताछ की तो उन्होंने बच्चे को परेशान करने से साफ इनकार कर दिया।
पुलिस ने हादसे का केस दर्ज किया है और स्कूल प्रशासन को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है। बच्चे के परेशान करने वालों की पहचान करने पर कार्रवाई की जाएगी।