जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । जीडीपी में लगातार हो रही गिरावट से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार तो आर्थिक विशेषज्ञों के ताने तो सुन ही रही है, लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ऐसा ताना मारा है कि आप सुनकर हैरान रह जाएंगे। ताना मारते हुए सिब्बल ने कहा कि सरकार को अब महसूस हो रहा है कि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए वायग्रा की जरूरत है।
केंद्र सरकार पर तंज सकते हुए कपिल सिब्बल ने कहा, ‘वे कहते थे कि हमारी जीडीपी बढ़ेगी । इस वृद्धि का असली मतलब गैस, डीजल और पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि से है। यही जीडीपी है। एक लीटर कच्चे तेल की कीमत लगभग 21 रुपये है और इसे रिफाइन करने के बाद इसकी लागत लगभग 31 रुपये होगी। सरकार या पेट्रोलियम कंपनियों की लागत 31 रुपये और बिक्री 79 रुपये में (मुंबई की दर)। वे हरेक लीटर पर 48 रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं।’
सिब्बल बोले, ‘यह बोझ कौन उठाता है, आम नागरिक – वे लोग जो मोटरसाइकिल से चलते हैं, जो अपनी कार खुद चलाते हैं और वे किसान, जो डीजल का इस्तेमाल करते हैं। मुनाफा सरकार के पास जाता है और बोझा किसानों के सिर। आम आदमी का बोझ कम करने के बजाए वे उसका बोझ और बढ़ाते जा रहे हैं और उनके मंत्री कहते हैं ‘पेट्रोल कौन खरीदता है…जिसके पास कार है और निश्चित रूप से वह भूखा नहीं है’।’
सिब्बल ने कहा, ‘इस सरकार के घमंड और आचरण को तो देखिए। वे देश के उन 1 प्रतिशत लोगों पर कर क्यों नहीं लगाते, जिनके पास देश की 58 प्रतिशत संपत्ति है। यूपीए शासन के दौरान यह 30 प्रतिशत थी। गरीब और गरीब होते जा रहे हैं और धनी और धनी बनते जा रहे हैं। इस सरकार ने अब महसूस किया है कि अर्थव्यवस्था के बारे में कुछ करने के लिए उसे वायग्रा जैसे एक प्रोत्साहन की जरूरत है। अब वे अर्थव्यवस्था में 40,000-50,000 करोड़ रुपए डालना चाहते हैं। ऐसे तो कोई देश नहीं चल सकता। वे जरूरी चीजों की कीमतें बढ़ाकर ऐसा करेंगे। यह 65,000 करोड़ रुपये की एक कमी है। साढे़ तीन साल बाद अगर अर्थव्यवस्था की यह स्थिति है, तो देश कहां जाएगा? अच्छा हुआ कि उन्हें यह बात महसूस हुई कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन के लिए उन्हें वायग्रा की जरूरत है।’