जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि गृह मंत्रालय की विशेष पहल के तहत 70,000 से ज्यादा लापता बच्चों को बचाया गया है। बाल एवं वयस्क श्रम पर यहां एक सेमिनार को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने यह भी कहा कि 2022 तक देश से बाल श्रम समाप्त करने का कोशिश किया जाएगा।
राजनाथ ने कहा, ‘गृह मंत्रालय ने लापता बच्चों का पता लगाने के लिए ऑपरेशन स्माइल शुरू किया है। अब तक 70,000 से ज्यादा लापता बच्चों को बचाया गया है। गृह मंत्रालय ने जनवरी 2015 में ऑपरेशन स्माइल शुरू किया था ताकि लापता बच्चों को ढूंढकर या बचाकर उनका पुनर्वास किया जा सके । इसके बाद से राज्य सरकारों की सक्रिय मदद के जरिए यह कार्यक्रम चल रहा है।’
गृह मंत्री ने कहा कि बचपन ईश्वर का सबसे बड़ा उपहार है, लेकिन बाल श्रम में फंस जाने वाले बच्चे इस खूबसूरत तोहफे से महरूम रह जाते हैं। उन्होंने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम बाल श्रम मुक्त भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अगले 5 साल में हम बाल श्रम से निजात पाने की कोशिश करेंगे। साथ मिलकर भारत को 2022 तक बाल श्रम मुक्त बनाने की प्रतिज्ञा करें।’
इस सेमिनार में पेंसिल नाम के एक वेब पोर्टल की भी शुरुआत हुई। इस पोर्टल के जरिए बाल श्रम पर लगाम लगाने के लिए काम कर रहे सभी हितधारकों को जोड़ा जा सकेगा। पेंसिल (प्लैटफॉर्म फॉर इफेक्टिव एनफोर्समेंट फॉर नो चाइल्ड लेबर) वेब पोर्टल से राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना (एनसीएलपी) के प्रभावी क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। इसे श्रम मंत्रालय की ओर से विकसित किया गया है। इस पोर्टल को तब तैयार किया गया जब बाल श्रम से जुड़े कानूनी प्रावधानों और एनसीएलपी के प्रभावी क्रियान्वयन एवं निगरानी के लिए एक ठोस तंत्र बनाने की जरूरत महसूस हुई।
श्रम का विषय समवर्ती सूची में है और इससे जुड़े प्रावधानों को लागू करना मोटे तौर पर राज्य सरकारों पर निर्भर करता है। श्रम मंत्रालय ने कहा कि ऐसा महसूस किया गया कि केंद्र को राज्य सरकारों, जिलों एवं सभी परियोजना समितियों से जोड़ने वाला ऑनलाइन पोर्टल क्रियान्वयन का तंत्र मुहैया कराएगा। इसी पृष्ठभूमि में ऑनलाइन पोर्टल पेंसिल का विचार सामने आया। पेंसिल पोर्टल में 5 पहलू – बच्चों का पता लगाने की प्रणाली, शिकायत करने की व्यवस्था, राज्य सरकार, राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना एवं सबका मेल – शामिल हैं।