जनजीवन ब्यूरो / रायबरेली । अभीतक आप बार्षिक आय, मासिक आय या दैनिक मजदूरी कर कमाने की बात सुनी होगी, लेकिन मिनट के हिसाब से कमाने की बात आप नहीं जानते होंगे। ऐसा कारनामा आपको और कहा दिख सकता है। यूपी में आय प्रमाण पत्र बनाने में लेखपाल और तहसीलदार किस तरह लापरवाही बरत रहे हैं इसकी मिसाल इससे मिलती है कि एक आदमी का आय प्रमाण पत्र में व्यक्ति की आय 50 पैसे प्रतिदिन बताई गई है।
बनाए गए प्रमाण पत्र के अनुसार जागेलाल की मासिक आय पंद्रह रुपये है। इस हिसाब से उसकी प्रतिदिन की आय पचास पैसे है। रायबरेली जिले के जागेलाल की आय इतनी ही है। डलमऊ तहसील क्षेत्र के ग्राम हींगामऊ गांव में 6 बिस्वा जमीन होने और मनरेगा में मजदूरी करने के बाद भी सरकारी अभिलेखों में जागेलाल की मासिक आय महज 15 रुपये दिखा दी गई।
हींगामऊ निवासी जागेलाल के पुत्र संजीत कुमार को स्कॉलरशिप आवेदन के लिए प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी। उसने प्रमाण पत्र बनवाने के लिए डलमऊ तहसील में आवेदन किया था। लेखपाल ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में जागेलाल की मासिक आय 15 रुपए और वार्षिक आय 180 रुपए दिखा दिया। तहसीलदार ने भी लेखपाल की गलती को अनदेखा करते हुए आवेदन पत्र अग्रसारित कर दिया। तहसीलदार के हस्ताक्षर से जो आय प्रमाण पत्र संख्या 28 51 71010 830 जारी हुआ वह अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाह कार्यशैली का जीता जागता नमूना है। आय प्रमाण पत्र आवेदनकर्ता जागेलाल के पास गांव में 6 बिस्वा भूमि है, जिस पर वह खेती करके अपने परिवार का भरण पोषण करता है। इसके साथ ही वह मनरेगा में भी काम करता है। तहसीलदार ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि कम्प्यूटर प्रिंटिंग में त्रुटि होने के कारण यह गलती हुई है। आय प्रमाण पत्र निरस्त करके फिर से बनाया जाएगा।