जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । मंत्रिमंडल ने उच्चतर शिक्षा विभाग के तहत केंद्रीय विश्वविद्यालयों में और आईआईटी (स्वायत्त निकायों) में कार्यरत डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाकर 65 वर्ष करने का निर्णय लिया है। जहाजरानी मंत्रालय के तहत प्रमुख पत्तन न्यासों (स्वायत्त निकायों) के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाने को कार्येतर मंजूरी भी प्रदान कर दी है।
केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के लगभग 1445 डॉक्टर लाभान्वित होंगे। संबंधित मंत्रालयों/विभागों [आयुष मंत्रालय (आयुष चिकित्सक), रक्षा विभाग (सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा महानिदेशक के अधीन सिविलियन चिकित्सक), रक्षा उत्पादन विभाग (भारतीय आयुध कारखाने, स्वास्थ्य सेवा चिकित्सा अधिकारी), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अधीन दंत चिकित्सक, रेल मंत्रालय के अधीन दंत चिकित्सक और उच्चतर शिक्षा विभाग के अधीन उच्चतर शिक्षा तथा तकनीकी संस्थानों में कार्यरत चिकित्सक] के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गई है।
मंत्रिमंडल ने संबंधित मंत्रालयों/विभागों/संगठनों को प्राशासनिक पद का कार्यभार संभालने वाले चिकित्सकों की आयु के संबंध में कार्यात्मक अपेक्षाओं के अनुसार समुचित निर्णय लेने की शक्तियां भी प्रदान कर दी हैं।
इस निर्णय से बेहतर रोगी परिचर्या, चिकित्सा कॉलेजों में उचित एकेडमिक गतिविधियों में सहायता मिलेगी तथा साथ ही स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों का प्रभावी कार्यान्वयन भी होगा।
इस निर्णय से बहुत अधिक वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि ज्यादातर पद खाली पड़े हैं और मौजूदा पदाधिकारी स्वीकृत पदों के लिए उनकी मौजूदा क्षमता में कार्य करना जारी रखेंगे।