जनजीवन ब्यूरो
पटना/ नई दिल्ली/कोयंबटूर । बिहार सरकार ने भागलपुर, मुजफ्फरपुर समेत राज्य के कई हिस्सों से मैगी व अन्य उत्पादों के नमूने जांच के लिए भेजा है। रिपोर्ट आने के बाद केस दर्ज हो सकता। उधर, दिल्ली में नेस्ले के नूडल ब्रैंड मैगी के 13 में से 10 सैंपल टेस्ट में फेल पाए गए हैं। इनमें लेड की मात्रा ज्यादा पाई गई है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बुधवार को मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले के अफसरों के साथ मुलाकात करेंगे। एक टीवी चैनल से बातचीत में जैन ने कहा है कि बुधवार को इस मामले में बड़ा फैसला लिया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में दिल्ली सरकार शहर से मैगी हटवा सकती है और केस भी दर्ज करवा सकती है। वहीं, केरल स्टेट सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन ने राज्य भर में अपने आउटलेट्स पर मैगी न बेचने का फैसला किया है। राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री अनूप जैकब ने इस बारे में निर्देश जारी किए हैं। ऐसा बैन लगाने वाला केरल देश का पहला राज्य है। केरल सरकार ने यह फैसला उन खबरों के मद्देनजर किया है, जिनमें बताया जा रहा है कि मैगी में खतरनाक केमिकल पाए गए हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक हैं। इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार मैगी को लेकर बुधवार को एक हाई लेवेल मीटिंग करेगी।
मैगी के नूडल्स में हेल्थ के लिए नुकसानदायक लेड कन्टेंट मिलने की खबरों के बाद इसे बनाने वाली कंपनी नेस्ले के एक अन्य प्रोडक्ट मिल्क पाउडर में जिंदा लार्वा और घुन मिलने की बात सामने आई है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, कोयंबटूर के फूड एनालिसिस लैब की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि कंपनी के मिल्क पाउडर के 380 ग्राम पैकेट के एक सैंपल में 28 लाइव लार्वा और 22 सिटोफिलस ओरिजे (चावल में मिलने वाले घुन) मिले हैं। तमिलनाडु की फूड सेफ्टी विंग ने इस मिल्क पाउडर को अनसेफ घोषित किया है। फूड सेफ्टी ऑफिसर आर कठिरवन ने रिपोर्ट की पुष्टि की है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि इस साधार पर नेस्ले के सभी प्रोडक्ट्स को अनसेफ नहीं घोषित किया जा सकता।