जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । कौन बनेगा करोड़पति. नौंवे सत्र का पहला करोड़पति मिल गया है. विजेता का नाम है अनामिका मजूमदार. झारखंड के जमशेदपुर की रहने वाली हैं. अनामिका ने सारी लाइफ़लाइन ख़त्म होने के बाद भी 1 करोड़ वाला सवाल लिया और कामयाबी के साथ उसका जवाब भी दिया. 7 करोड़ के सवाल को लेकर वो सुनिश्चित नहीं थीं, सो उन्होंने 1 करोड़ के साथ खेल छोड़ने का फ़ैसला किया.
‘फ़ेथ इन इंडिया’ नामक एनजीओ चलाने वाली अनामिका का कहना है कि उन्हें अब तक यक़ीन नहीं हो रहा कि वो इतनी बड़ी धनराशि जीतने में कामयाब रही हैं. संगीत सुनने-बनाने और किताबें पढ़ने की शौक़ीन अनामिका से जब पूछा गया कि वो क्या करती हैं तो उन्होंने कहा, ”मैं ग़रीब बच्चों के लिए काम करती हूं. मेरे अपने बच्चे अब कुछ बड़े हो गए हैं. ऐसे में दूसरे बच्चों के लिए कुछ करना चाहती थी.”
अनामिका ने बच्चों के साथ काम करना 7-8 साल पहले शुरू किया. पहले शिक्षा के लिए काम किया यानी उन्हें पढ़ाना शुरू किया. लेकिन बच्चों का मन इसमें नहीं लगा. उन्होंने कहा, ”लेकिन जो मैंने सिखाना चाह रही थी, वो उन्हें अच्छा नहीं लगता था, तो उसके बाद मैंने उनमें पॉज़ीटिव एनर्जी भरने के बारे में सोचा. मैं कुछ लिखती थी तो उनके लिए गाने और डांस ड्रामा बनाने लगी. साउंड इंजीनियरिंग का छोटा-सा कोर्स भी किया ताकि गाने बना सकूं और उनसे हम बच्चों को सिखाने लगे.”
अनामिका ने बताया, ”हमने ट्रूप बनाया, परफ़ॉर्म करने लगे और मंच मिला तो बच्चों में भी बदलाव आने लगा. फटे कपड़े पहनने वाली बच्चियां सिलकर पहनने लगीं. ड्रॉपआउट करने वाले बच्चे स्कूल जाने लगे.”
वो इन दिनों अकेले काम कर रही थीं सो लोगों ने उनसे कहा कि ऐसी कोशिशों से कुछ ख़ास नहीं होगा. क़रीब तीन साल पहले उन्होंने एनजीओ रजिस्टर कराया जिसका नाम है ‘फ़ेथ इन इंडिया’. FAITH के मायने यहां Female Aura Initiative
एनजीओ चलाने वाली एक महिला केबीसी तक कैसे पहुंची, इस सफ़र के बारे में अनामिका ने कहा, ”पैसों की दिक्कत होने लगी थी. कभी निजी कंपनियों से मदद मांगने जाती थी को कभी सरकारी दफ़्तरों में, लेकिन कुछ ख़ास बन नहीं रहा था.”
उन्होंने कहा, ”काम करते-करते झारखंड के सीएम की नज़र पड़ी तो उन्होंने दो लाख रुपए दिए, वो भी जल्द ही ख़त्म हो गए.” अनामिका के पति कंस्ट्रक्शंस बिज़नेस में हैं और वो कई बार घर का पैसा एनजीओ के काम में लगा दिया करती थीं. इस कारण कई बार उनके पति नाराज़ भी हुए.
कौन बनेगा करोड़पति के दरवाज़े तक पहुंचने की उनकी कहानी भी कोई कम दिलचस्प नहीं है. उन्होंने कहा, ”कहते हैं ना जब आप चाहते हैं कि कुछ हो जाए तो पूरा यूनिवर्स आपकी मदद में लग जाता है. इन दिनों फ़ंड की काफ़ी दिक्कत थी, गूगल में कुछ सर्च कर रही थी तो पता चला कि केबीसी शुरू होने वाला है. उसी वक़्त रजिस्टर कराया.”
”मुझे ऑडिशन के लिए बुलाया गया, फिर केबीसी शुरू हो गया, मेरे पास कोई कॉल नहीं आया, लगा कि कुछ नहीं होने वाला. तब अचानक फिर कॉल आया कि आपको आना है. इस बीच 15-20 दिन का समय था, मैंने दिन रात एक-करके तैयारी की. इस साल करंट अफ़ेयर्स खूब आ रहा था तो वो भी ख़ूब पढ़ा.”
अनामिका के करोड़ तक पहुंचने वाले एपिसोड की शूटिंग 27-28 सितंबर को हुई थी. पढ़ाई के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ”मेरा कॉमर्स बैकग्राउंड है और कंप्यूटर्स में डिप्लोमा किया है.”
जमशेदपुर से पढ़ाई करने वाली अनामिका का बेटा नौंवी और बेटी सातवीं क्लास में पढ़ती है. केबीसी जाने से पहले दिमाग में क्या कुछ चल रहा था, इस पर उन्होंने कहा, ”जब मैं जा रही थी तो सोचा था कि कुछ जीतकर ही आना है क्योंकि ये मैं अपने लिए नहीं चाहती थी कि मुझे घर लेना है या गाड़ी लेनी है.”
केबीसी में जब उनसे यही पूछा गया था तो उन्होंने कहा कि उनके पास 1-2 करोड़ होने चाहिए. वो कहती हैं कि अगर वो 7 करोड़ जीत जातीं तो भी कम थे क्योंकि उनका काम ऐसा है. लेकिन 1 करोड़ उनके लिए आधार रकम का काम करेगा.
अनामिका भले बड़ी रकम जीतने में कामयाब रही हों, लेकिन जब वो केबीसी में पहुंची तो सब कुछ इतना अच्छा नहीं था. उन्होंने बीबीसी हिन्दी से कहा, ”फ़ास्टेस्ट फ़िंगर फर्स्ट के दौरान मैं बहुत नर्वस थी. क्योंकि मेरे साथ जो लोग थे वो भी स्मार्ट लग रहे थे, लग रहा था कि मैं क्या करूंगी. फिर फ़ास्टेस्ट फ़िंगर राउंड आया, वो लोग दो-तीन लोगों को अभ्यास करा रहे थे, जिनमें मैं भी थी.”
अनामिका याद करती हैं, ”जवाब सही आ रहे थे, लेकिन टाइमिंग सही नहीं आ रही थी. दूसरे लोग कुछ सही, कुछ ग़लत जवाब दे रहे थे, लेकिन वो तीन-चार सेकेंड में दे रहे थे, जबकि मैं पांच सेकेंड से कम में नहीं दे पा रही थी. मैं मायूस हो गई थी. मुझे लगा कि पति, मेरी मां, सब लोग क्या कहेंगे.” लेकिन उसके बाद जैसे अनामिका की क़िस्मत ने उनका पूरा साथ देने का फ़ैसला किया. वो फ़ास्टेस्ट फ़िंगर फ़र्स्ट जीतीं और उसके बाद हॉट सीट पर पहुंचकर 7 करोड़ के सवाल तक का सफ़र तय किया.
वो कहती हैं, ”पति पहले मुझे पागल कहते थे. बोलते थे कि घर देखो, बच्चों को संभालो, क्या करती रहती हो. लेकिन अब उनकी निगाह में मेरी इज़्ज़त बढ़ गई है. पहले पिक करने के लिए ड्राइवर को भेजा करते थे, इस बार बोले कि लेने के लिए मैं ख़ुद आऊंगा.”
क्या जीती हुई धनराशि उन्हें मिल गई है, इस पर उन्होंने कहा, ”वो लोग पैसा ऑनलाइन ट्रांसफ़र करते हैं, लेकिन कुछ टैक्स भी कटता है, इसका कुछ प्रोसेस है.”
कौन से सवाल उनसे पूछे गए, इस बारे में बताने से उन्होंने ये कहते हुए इनकार कर दिया कि इसका ब्योरा देने से मज़ा खराब हो जाएगा. और अमिताभ बच्चन के सामने बैठने का अनुभव कैसा रहा, अनामिका ने कहा, ”उनके (अमिताभ बच्चन) सामने बैठकर नर्वस हो जाते हैं. सवाल को देखें या उन्हें, कुछ समझ नहीं आता. लेकिन वो काफ़ी हौसला बढ़ाते हैं.”
क्या शूटिंग से अलहदा भी बच्चन से कुछ बात हुई, इस पर अनामिका ने बताया कि ‘ऑफ़ कैमरा आप उनके क़रीब नहीं जा पाते. वो कई लोगों से घिरे रहते हैं. ऐसे में जब कैमरा ऑन होता है, तभी वो आपके सामने होते हैं.’
जीती हुई धनराशि का क्या करेंगी, अनामिका ने कहा, ”मैंने यही सोचा था कि पैसे जीत जाऊंगी तो बच्चों के पास जाऊंगी, महिलाओं के पास जाऊंगी, जो कुछ चाहिए खरीद लूंगी. लेकिन अमिताभ बच्चन ने बहुत बड़ी और ज़रूरी बात कही.”
”मैंने खेल के दौरान उनसे कहा था कि आप क्यों नहीं कहते कि मैं 7 करोड़ जीतूं, इस पर उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि आप बड़ी रकम जीतें और उसे समझदारी, सुनियोजित तरीके से निवेश और खर्च करें.”
अनामिका के दिमाग में यही आइडिया बैठ गया है. उन्होंने कहा, ”इन पैसों को ज़ाया नहीं जाने देना. कितने ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंच पाएं, यही कोशिश रहेगी. हम काफ़ी काम करते हैं, लेकिन कुछ ख़ास बदल नहीं पाते. लेकिन इस रकम को योजना बनाकर खर्च करेंगे क्योंकि हमारे पास बेस होगा. सोचेंगे कि कैसे खर्च किया जाए ताकि पैसे मांगने के लिए कंपनियों, सरकारी दफ़्तरों के पास भागना ना पड़े.”
कौन बनेगा करोड़पति का ये एपिसोड आने के बाद आप जमशेदपुर और देश के दूसरे हिस्सों में मशहूर होने वाली हैं, ऐसे में इस शोहरत को कैसे संभालेंगी, अनामिका ने जवाब दिया, ”आप लोगों को कभी भी लगे कि मैं रास्ते से भटक रही हूं (हालांकि मैं भटकूंगी नहीं) और एनजीओ से ध्यान हटा रही हूं तो मुझे कस कर डांटिएगा.”
इतनी बड़ी रकम जीतने और शोहरत की दहलीज़ पर खड़े होने के बाद अब कुछ और चाहिए, ”मैंने मोदी जी को चिट्ठी लिखी थी. मैं झारखंड की महिलाओं के मुद्दों को लेकर उनसे मिलना चाहती हूं, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है.”
अनामिका को उम्मीद है कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें जल्द ही मिलने का वक़्त देंगे.