जनजीवन ब्यूरो / पंचकूला । 25 अगस्त को डेरा प्रमुख राम रहीम को सजा सुनाने के बाद हिंसा भड़काने की आरोपी हनीप्रीत बुधवार को अदालत में रो रही थी। कोर्ट में हनीप्रीत ने खुद को निर्दोष बताया। हनीप्रीत को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में कोर्ट लाया गया था। पेशी के वक्त हनीप्रीत भावुक हो गईं।
पुलिस ने हनीप्रीत को 14 दिन की रिमांड पर दिए जाने की मांग की, लेकिन छह दिन की ही रिमांड मिली। पुलिस अब पता लगाएगी कि पंचकूला दंगे में हनीप्रीत की क्या भूमिका रही। पुलिस ने कहा कि उन्हें हनीप्रीत का मोबाइल फोन चाहिए। पुलिस के मुताबिक, हनीप्रीत ने हिंसा के दिन इस मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था।
इसके अलावा, जब वह फरार चल रही थीं, उस वक्त भी वह अपने मोबाइल के जरिए लोगों के संपर्क में थीं। वहीं हनीप्रीत के वकील एसके गर्ग ने कहा कि उनके मुवक्किल पर किसी भी तरह से राजद्रोह का केस नहीं बनता है। वकील ने बताया कि कोर्ट में हनीप्रीत ने कहा कि वह बेकसूर है, उसने कोई भी गलत काम नहीं किया है।
बता दें कि काफी दिनों तक गायब होने के बाद हनीप्रीत मंगलवार को अचानक से लोगों के सामने आई थीं। एक चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था। इसके बाद, हरियाणा पुलिस ने उन्हें पंजाब में गिरफ्तार कर लिया था। सूत्रों के मुताबिक, वह बठिंडा में एक डेरा समर्थक के घर पर छिपी हुई थीं। पुलिस अब यह पता लगाने में जुट गई है कि गायब रहने के दौरान हनीप्रीत ने किस-किससे संपर्क किया।
बता दें कि राम रहीम को सजा सुनाए जाने के बाद हुई हिंसा में 30 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद से हनीप्रीत फरार थीं और पुलिस ने उनकी तलाश में कई जगह छापे भी मारे थे। आखिरकार 38 दिन तक पुलिस को छकाने के बाद मंगलवार को वह गिरफ्त में आई थीं।