जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । सीबीआइ आज बिहार के पूर्व उप मुख्य मंत्री तेजस्वी यादव से पूछताछ कर रही है। सीबीआइ मुख्यालय में अधिकारी तैयार प्रश्नावली के साथ तेजस्वी के सामने हैं और तेजस्वी से पूछताछ की जा रही है।
सीबीआइ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तेजस्वी से भी लंबी पूछताछ की जा सकती है। उनसे शाम छह बजे तक पूछताछ की जाएगी। पूछताछ में पांच से छह अ्धिकारी शामिल हैं और पूछताछ के बीच एक से डेढ़ बजे के बीच उन्हें लंच ब्रेक भी दिया जाएगा।
सीबीआइ पूछताछ के लिए जाने से पहले तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और लिखा कि इनके फ़रेब और झूठ की रफ़्तार भले ही तेज है पर अंत में झूठ की पराजय और हमारे सत्य की विजय होगी। सच की डोर भले लम्बी हो पर उसे कोई तोड़ नहीं सकता है।
इससे पहले कल उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने भी सीबीआइ पूछताछ में जाने से पहले ट्वीट किया था और लिखा था कि सच और गुलाब का फूल सदा कांटों से घिरे रहते हैं…
बता दें कि गुरुवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से सीबीआई ने 7 घंटे तक पूछताछ की। लालू के साथ उनकी बेटी मीसा भी थीं जो पूछताछ के दौरान सीबीआई मुख्यालय की लॉबी में बैठी रहीं।
सात घंटे की पूछताछ में लालू से अनुबंध, कंपनी के जमीन समझौते , प्रेम चंद गुप्ता से संबंध, लाभार्थी कंपनी के मालिकों से संबंध के बारे में प्रश्न पूछे गए। अब आईआरसीटीसी के दो होटलों की देखरेख का जिम्मा 2006 में निजी फर्म को सौंपे जाने और इस सौदे में हुए कथित भ्रष्टाचार के संबंध में तेजस्वी यादव शुक्रवार को सीबीआई के सामने पेश होंगे।
सीबीआई पूछताछ के बाद बाहर निकलने पर लालू ने कहा, ‘‘सीबीआई अधिकारी सौहार्दपूर्ण थे लेकिन वे क्या कर सकते हैं? वे भारत सरकार के आदेशों का पालन कर रहे हैं जो कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई कर रही है। मुझे सीबीआई से कोई शिकायत नहीं है लेकिन केन्द्र सरकार मुझे और मेरे परिवार को निशाना बना रही है। ’’
उन्होंने कहा , ‘‘मैंने रेलवे में चोरियां रोकीं, उसे सस्ता बनाया, राजस्व में बढ़ोतरी कराई और मुझ पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं। यह कुछ नहीं बस मुझे और मेरे परिवार को निशाना बनाया जा रहा है।’’ लालू यादव ने आगे कहा, ‘‘मैंने सीबीआई से कहा कि मैं सहयोग करूंगा। मैंने वक्त नहीं मांगा वरना मुझ पर भागने का आरोप लगने लगता।’’
आरोप है कि साल 2006 में रेल मंत्री रहते हुए लालू ने बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी की देखरेख का जिम्मा एक निजी फर्म सुजाता होटल को सौंपा और बदले में एक बेनामी कंपनी के जरिए तीन एकड़ की महंगी जमीन के रूप में दलाली ली। सुजाता होटल का स्वामित्व विनय और विजय कोचर के पास है।