जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। मैगी विवाद को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने गुरुवार को अधिकारियों की बैठक बुलाई है। केंद्र ने इस बाबत सभी राज्यों से रिपोर्ट मांगी है। माना जा रहा है कि बैठक में अहम फैसले लिए जा सकते हैं। उधर उत्तराखंड सरकार ने मैगी की बिक्री पर रोक लगा दी है।
इससे पहले जेपी नड्डा ने किसी भी तरह की ढील नहीं बरतने की बात कही है। नड्डा ने कहा कि उनके मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों से मैगी के नमूने की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। नड्डा ने बताया कि कई राज्यों की ओर से उन्हें रिपोर्ट मिल चुकी है, जबकि कई राज्य नमूनों की जांच कर रहे हैं और इन सबकी रिपोर्ट बनने के बाद जरूरी एक्शन लिया जाएगा। इसके अलावा केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने राष्ट्रीय उपभोक्ता शिकायत निपटारा आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। दरअसल, मैगी के कुछ सैंपलों में लेड और मोनो सोडियम ग्लूटामेट की मात्रा तय मानकों से ज्यादा पाई गई थी।
वहीं, दिल्ली सरकार ने भी नेस्ले के मैगी नूडल पर तत्काल प्रभाव से 15 दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि कंपनी को दो सप्ताह का समय अपना पुराना स्टॉक बदलने के लिए दिया गया है। नया स्टॉक बाजार में उतारने पर फिर से नमूने लेकर जांच होगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही दिल्ली सरकार बाजार में मौजूद अन्य कंपनियों के नूडल की भी जांच करेगी।
इस पूरे विवाद पर नेस्ले की ओर से आई सफाई को स्वास्थ्य मंत्री ने खारिज कर दिया। सत्येंद्र जैन ने कहा कि नेस्ले के कुछ अफसरों ने बुधवार सुबह मुझसे मुलाकात की थी। उनका कहना था कि मैगी में लेड जैसे तत्वों की मात्रा सीमित है। लेकिन मैं उनकी सफाई से संतुष्ट नहीं हूं। हमने भी 13 नूमनों की जांच करवाई थी, जिसमें 10 के फेल हो जाने के बाद इसकी बिक्री पर रोक लगाई गई है।
दिल्ली सरकार ने मैगी नूडल्स की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई है। इस मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा, यदि कोई भी व्यक्ति मैगी की बिक्री होते हुए देखता है तो वह इसकी शिकायत सरकार से कर सकता है।
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