जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में महात्मा गांधी की हत्या की दोबारा जांच करने की मांग को लेकर एक याचिका दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने आज इस बाबत वरिष्ट वकील अमरेंद्र सरन को कोर्ट का सलाहकार नियुक्त किया है। सरन कोर्ट को सलाह देंगे कि क्या इस याचिका की सुनवाई होनी चाहिए या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस मामले को सुनने की मनजूरी नहीं दी है, और कहा है कि इस याचिका में कोई कानूनी आधार नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा कि यह तो अच्छी बात है । सुनवाई होगी तो आरएसएस की रही कसर सामने आ जाएगी।
अमरेंद्र सरन की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ये तय करेगा कि इस मामले को सुनवाई के लिए मनजूर किया जाएगा या नहीं।
मुंबई के आई.टी. प्रोफेशनल फाडनिस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि महात्मा गांधी की हत्या के कारणों में सच को छुपाया गया है और एक खास तबके को बदनाम करने की साजिश रची गई है। फाडनिस ने अपनी याचिका में कपूर कमीशन की रिपोर्ट से वीर सावरकर और मराठा समाज का नाम हटाने की मांग की है। कमीशन का गठन गांधी जी की हत्या के कारणों का पता लगाने के लिए किया गया था। इस रिपोर्ट में हत्या के लिए संघ के विचारक वीर सावरकर और मराठा समाज की भूमिका बतलाई गई है।
फाडनिस इस रिपोर्ट को गलत मानते हैं और इन दोनों चीजों को रिपोर्ट से हटाने की मांग कर रहे हैं। फाडनिस ने अपनी याचिका में कहा है कि उनके पास कुछ नई जानकारी मिली है क्योंकि वो इस पर शोध कर रहे हैं। उन्होंने अमरीका के एक आरकाईव लाइबरेरी से कुछ डेलीग्राम हासिल करने का दावा किया है जिसमें उनके मुताबिक गांधी जी के हत्या का जिक्र किया गया है। ये टेलिग्राम किसी ने गांधी जी की हत्या से पहले और हत्या के बाद भारत से अमरीका भेजा था। फाडनिस का दावा है कि अगर इस टेलीग्राम की जांच हो तो हत्या के लिए जिम्मेदार गोडसे और सावरकर के बजाए कोई तीसरी एजेन्सी होगी।
फाडनिस ने बताया कि वो कुछ और जानकारी 31 अक्टूबर तक हासिल कर लेंगे। साथ ही ये भी कहा कि कुछ जानकारी अमरीका गोपनिए मानते हुए उन्हें नहीं दे रहा है।
फाडनिस ने सुप्रीम कोर्ट से ये भी मांग की है कि गांधी के सामान और कपड़ों का फौरेन्सिक जांच हो जिससे कुछ खुलासा हो सकता है।
इससे पहले फाडनिस ने मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसमें कपूर कमीशन की रिपोर्ट को कई तत्थयों पर गलत होने का आरोप लगाया था। लेकिन हाईकोर्ट ने पिछले साल जून में ये याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि इतने पूराने मामले में कोई सबूत बचा ही नहीं होगा तो जांच कैसे होगी।
अब फाडनिस ने कुछ नए तत्थय इकठ्ठा कर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सबकी नजरें कोर्ट के सलाहकार अमरेंद्र सरन की रिपोर्ट पर टिकी है जिसे देख कर कोर्ट ये तय करेगा कि मामले की सुनवाई होगी या नहीं।