जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । मैगी को सेहत के लिए नुकसानदायक साबित करने के बावजूद केंद्र व राज्य सरकार मैगी बनाने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने से कतराती क्यों है? उधर नेस्ले के ग्लोबल सीईओ पॉल बुल्के ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मैगी में कुछ भी हानिकारक नहीं है। मैगी पूरी तरह सुरक्षित है।
मैगी में हानिकारक तत्व मिलने के बाद कई राज्यों ने मैगी की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। केंद्र सरकार इस मामले में अपने पत्ते नहीं खोल रही है। सवाल अब यह उठ रहा है कि यदि मैगी सेहत के लिए हानिकारक है तो राज्य सरकार कंपनी के खिलाफ फौरी कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?
बुल्के के अनुसार हमने मैगी के 1000 नमूनों की जांच की है। सारे नमूने बताते हैं कि मैगी सुरक्षित है। भारत में टेस्ट के तरीकों की भी हम जांच कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, मैगी में हम एमएसजी को नहीं मिलाते। हम फिलहाल बाजार से मैगी को हटा रहे हैं, क्योंकि माहौल सही नहीं है। लोगों में भम्र की स्थिति बनी हुई है। हम भ्रम को मिटाने के लिए हर तरह का प्रयास करेंगे।
बुल्के ने कहा, हम अपने उत्पादों के लिए दुनिया में एक ही स्टैंडर्ड का पालन करते हैं। मैगी के मामले में भी हम ऐसा ही करते रहे हैं। हम मैगी को जल्द बाजार में वापस लाएंगे।
उन्होंने कहा कि हालात सुधरने के बाद वह एक बार बाजार में वापसी करेंगे। उन्होंने दावा किया कि उनकी जांच में मैगी के सभी सैंपल सही पाए गए हैं। मैगी में तय सीमा से अधिक एमएसजी के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक तत्व है और इसका इस्तेमाल कंपनी अपने प्रोडेक्ट बनाने में नहीं करती है।