जनजीवन ब्यूरो / वाराणसी । धर्म नगरी काशी में मंगलवार को गंगातट पर डेनमार्क के एक कपल ने मां काली की तांत्रिक दीक्षा ली। शिवाला स्थित वाग्योग चेतनापीठम् में आचार्य वागीश शास्त्री ने मंत्रों के बीच डेनमार्क निवासी पेर गोरनबर्ग ग्रेव्स को मां काली की तांत्रिक दीक्षा प्रदान की। सनातन धर्म की दीक्षा के बाद पेर का नया नाम परमानंद नाथ दिया गया।
शिक्षण के पेशे से जुड़ा डेनमार्क का यह कपल रिटायर्ड होने के बाद एक संस्था से जुड़कर गरीब बच्चों को पढ़ाने के साथ अपना जीवन-यापन करते थे। एक दिन अचानक पेर की तबियत खराब हो गई। धीरे धीरे उनकी मेमरी लॉस हो गई। दुनियाभर में दवा करवाया लेकिन कोई आराम नहीं हुआ फिर उसके एक मित्र ने सनातनधर्म के जरिए अध्यात्म से जुड़ने की सलाह दे दी। पेर फिर सनातन धर्म के जरिये अध्यात्म की ओर बढ़ने को सोचने के बाद काशी पहुंचा। काशी में कई घाटों पर गुरुओं की तलाश के दौरान इनकी मुलाकात शिवालाघाट स्थित वागीश शास्त्री से हो गयी। बनारस में आकर वह मां काली तंत्र पूजा में जुट गए,उसके बाद उनको न सिर्फ आंतरिक शक्ति मिली बल्कि अब वह स्वस्थ भी हैं।
वागीश शास्त्री के उपनाम से विख्यात संस्कृत के अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विद्वान् आचार्य भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी जी ने मंगलवार को वाग्योग चेतनापीठम् शिवाला वाराणसी में डेनमार्क निवासी पेर को मां काली की तांत्रिक दीक्षा प्रदान की। पेशे से शिक्षक पेर मानसिक रूप से उबरने और आन्तरिक खुशी पाने के लिए गुरु वागीश शास्त्री के शरण में आकर सनातन धर्म को अपनाया तथा आज उनको नया नाम परमानंद नाथ दिया गया। सनातनधर्म अपनानकर पेर ग्रेव्स अब परमानंद नाथ बोले हम परम खुशी महसूस कर रहे हें।