जनजीवन ब्यूरो / मुंबई । इन दिनों ट्विटर पर हर लड़की अपने साथ हुए सेक्शुअल हैरेसमेंट की घटना का खुलासा कर रही है #MeToo इस हैशटैग के साथ। दरअसल, हॉलिवुड ऐक्ट्रेस एलिसा मिलानो ने सबसे पहले अपने खिलाफ हुए एक ऐसे ही मामले के बारे में ट्वीट किया और सभी महिलाओं से अपील की कि वे भी #MeToo हैशटैग के साथ अपनी आपबीती ट्वीट करें ताकि दुनिया के पुरुषों को अक्ल आए कि कितनी बड़ी संख्या में लड़कियों को परेशान किया जा चुका है। नतीजे वाकई चौंकाने वाले रहे। यह हैशटैग दो दिन तक टॉप ट्रेंडिंग टॉपिक रहा।
कमीडियन मल्लिका दुआ ने अपनी आपबीती बताई, तो भारती सिंह की कहानी भी सामने आई। अमेरिका की ऐक्ट्रेस और सामाजिक कार्यकर्ता एलिसा मिलानो द्वारा इस अभियान की शुरुआत के बाद लाखों महिलाएं इससे जुड़ चुकी हैं
दरअसल, जब कभी कोई लड़की या लड़का यौन उत्पीड़न का शिकार होता था तो समाज में उसे शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता था। ऐसा लगता था मानो इसके लिए वो खुद ही जिम्मेदार हो। लेकिन अब सोशल मीडिया एक ऐसा प्लैटफॉर्म बन गया है, जिसने हालात बदल दिए हैं। इन मुद्दों पर भी अब सिलेब्रिटीज ने आगे आकर बोलना शुरू कर दिया, तो लोगों को हिम्मत मिली। दिलचस्प है कि इस मामले में महिलाओं ने तो अपनी आवाज उठाई ही, कुछ पुरुष भी सामने आए जिनके साथ यौन उत्पीड़न हो चुका है।
आगरा के स्टेशन पर उसने मेरा ब्रेस्ट पकड़ लिया: भारती
कमीडियन भारती सिंह अपने बेबाक अंदाज के लिए पहचानी जाती हैं। भारती के मुताबिक, मैं 13 साल की थी। मैं अपने स्कूल की तरफ से एनसीसी कैम्प के सिलसिले में यूपी में कहीं जा रही थी। जब हमारी ट्रेन आगरा में रुकी, तो मैं पेठे खरीदने के लिए स्टेशन उतरी। इसी बीच एक अधेड़ उम्र के आदमी ने मेरी ब्रेस्ट दबोच ली। मैंने भी बिना देर करते हुए उसे पकड़ लिया और मारना शुरू कर दिया। वहां मौजूद आसपास के लोगों ने मेरा साथ देते हुए उसे जमकर लताड़ा। हैरानी की बात यह थी एनसीसी ड्रेस में होने के बावजूद उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गई। मैं तो यही कहना चाहूंगी कि सोशल मीडिया में चलने वाले इस कैंपेन ने लड़कियों में हिम्मत जगाई है उससे जरूर बदलाव आएगा। हर लड़कियां अब भारती बन रही हैं जो अच्छी बात है।
उसका हाथ मेरी पीठ पर था : मल्लिका दुआ
#MeToo अभियान के तहत दुनियाभर की महिलाएं अपने साथ हुई यौन उत्पीड़न की घटनाओं का खुलासा कर रही हैं। फेमस कमीडियन मल्लिका दुआ ने अपने फेसबुक और सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के तहत बताया कि 7 साल की उम्र में उनके साथ भी यौन शोषण की घटना हुई है। मल्लिका ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘मैं भी… अपनी खुद की कार में। मेरी मां कार चला रही थीं जबकि वह हमारे साथ पीछे बैठा था और पूरे समय उसका हाथ मेरी स्कर्ट में था। मैं सिर्फ 7 साल की थी और मेरी बहन 11 साल की। उसका हाथ मेरी स्कर्ट के अंदर था और मेरी सिस्टर की पीठ पर था। मेरे पिता ने, जो उस समय दूसरी कार में थे, उसका मुंह तोड़ दिया क्योंकि उसी रात उन्होंने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया था।’
उसने मुझे फिल्म के लिए सोने का ऑफर दिया था: निधि सिंह
डिजिटल सीरीज ‘परमानेंट रूममेट’ में तान्या का किरदार निभा चुकीं निधी सिंह इस कैंपेन पर कहती हैं, ‘मैं बहुत ख़ुशनसीब रही हूं कि मुझे इससे गुज़रना नहीं पड़ा है। मुझे याद है जब साउथ फिल्म के एक कास्टिंग डायरेक्टर ने मुझसे कहा कि तुम बहुत टैलंटेड हो, अच्छी फ़िल्में मिल सकती हैं, अगर तुम समझौता कर लो। मैं सुनकर वहां से जाने लगी तो कहते हैं कि अगर मैं अपने करियर को लेकर सीरियस हूं, तो मुझे समझौता कर लेना चाहिए। मैं वहां से न बोलकर निकल गई। हमारी इंडस्ट्री में न जाने कितनी लड़कियां हैं, जो रोज़ाना ऐसे मेंटल ट्रॉमा से गुज़रती हैं। सोशल मीडिया पर अपनी बातों को बेबाकी से रखने वाले उन लड़कियों को सलाम और उम्मीद है कि यह कैंपेन हमारे लिए एक नया बदलाव लेकर आएगा।’
जब-जब मेरे साथ हुआ है, मैंने मुंह तोड़ जवाब दिया : पूजा भट्ट
पूजा भट्ट इंडस्ट्री की उन सशक्त महिलाओं में आती हैं, जिन्होंने मुद्दा चाहे जो भी हो अपनी बातें पूरी बेबाकी से रखी हैं। सेक्शुअल अब्यूज पर चल रहे इस कैंपेन के बारे में पूजा कहती हैं, ‘मुझे यह बताइए जो औरतें या मर्द फेसबुक पर नहीं है, जिन्हें सोशल साइट्स का आइडिया नहीं है उनकी बातें कौन सुनेगा? केवल वायरल करने से यह मुद्दा खत्म तो नहीं हो जाता है। काश फेसबुक अपडेट पर सेक्सुअल अब्यूज खत्म हो जाता। हम ऐसी सोसायटी में रहते हैं, जहां लोग अपने घरों की बात को बाहर लाने से डरते हैं। जिस दिन लोगों में यह हिम्मत आ जाए और अपने बाप, चाचा, मामा, आंटी के खिलाफ नाम लेने लगें, तो शायद बदलाव की उम्मीद हो सकती है। रही बात मेरे साथ होने की तो बताइए कि कौन सी ऐसी महिला है, जो इसका शिकार नहीं हुई हैं। मेरी मानना यही है कि मैं भले ही मर जाऊं, लेकिन ख़ुद पर ज़ुल्म नहीं होने दूंगी। जब-जब मेरे साथ हुआ है, मैंने मुंह तोड़ जवाब दिया है। वहीं, लड़कों के अब्यूज की बात करें, तो इंडस्ट्री में लड़कियों से ज्यादा लड़के इसका शिकार होते हैं। लेकिन वह अगर किसी से इसका ज़िक्र करें, तो लोग मजाक बनाते हैं। हमें इस मुद्दे पर एक समान ही सोचना चाहिए।’
इन आवाजों की जरूरत थी: ओनिर
इंडस्ट्री में ‘आई एम’ फिल्म बनाने वाले डायरेक्टर ओनिर मानते हैं कि यह बेहद ही अच्छी बात है कि लोग इस तरह से आगे आकर गलत के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे हैं। इन आवाज़ों की हमें सख़्त जरूरत भी है। आवाज जितनी ऊंची होगी, इस तरह की चीजें उतनी घटेगी। अब वह समय गया, जब लोग अब्यूज को सहन कर घर पर बैठ जाया करते थे। अब तो लोग बोलेंगे और चिल्ला कर पूरे दुनिया के सामने बोलेंगे।