जनजीवन ब्यूरो /नई दिल्ली,उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही आज छठ का पर्व समाप्त हो गया। दो दिन से चल रहे है इस त्योहार को लेकर देशभर में काफी धूम थी।
छठव्रतियों ने 36 घंटे के बाद अपना व्रत खोला। काशी, युमना, पटना, और गंगा घाटों में कल से छठव्रतियों का तांता लगा था। कल शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर उपासना की गई और आज सुबह भी आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। छठव्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा का समापन हुआ। व्रती महिलाओं ने उदय होते सूर्य देव को अर्घ्य दिया। हजारों की संख्या में महिलाओं ने घुटने तक पानी में खड़े होकर पूजा-अर्चना की तथा सजे-धजे सूपों को हाथ में लेकर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया। पूजन के दौरान संपूर्ण वातावरण छठ मइया एवं सूर्यदेव की जय-जयकार से गुंजायमान रहा।
लोकपर्व डाला छठ पर गुरुवार को लाखों व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। संध्या बेला में पूरी काशी ही छठमय दिखाई पड़ी। गंगा-वरुणा तट से लेकर काशी के सभी कुंड, तालाब और पोखरे जनसमूह से पटे रहे। इससे पहले कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर गुरुवार को सूर्योपासना का महापर्व छठ परंपरागत श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। महिलाओं ने सारा दिन व्रत रखा और शाम को डूबते सूर्य (अस्ताचलगामी) को प्रथम अर्घ्य देकर पति एवं पुत्र के लिए मंगल कामना की।