मनोज कुमार / नई दिल्ली . गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की 70 उम्मीदवारों की पहली सूची में ज्यादातर मौजूदा विधायकों को टिकट दे दिया गया है, लेकिन दूसरी सूची जारी होने का इंतजार न सिर्फ विरोधी दल कर रहे हैं बल्कि चुनाव गणितज्ञ भी. सूत्र बताते हैं कि उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में करीब तीन दर्जन मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की तैयारी है. चुनाव में अल्पेश, जिग्नेश, हार्दिक की युवा तिकड़ी की चुनौती से निपटने के लिए बीजेपी ने उनकी बिरादरी को ज्यादा टिकट देकर साधने की कोशिश की है. पहली सूची में युवा तिकड़ी से जुड़ी जातियों को करीब एक तिहाई टिकट बांटे हैं.
कई नेता टिकट न मिलने से बेहद नाराज नजर आये. इन नेताओं की नाराजगी का आलम यह था कि उन्होंने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघानी को तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा पकड़ा दिया जिसके बाद नाराज पार्टी नेताओं को मनाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सामने आना पड़ा.
अमित शाह शुक्रवार देर रात तक गुजरात भाजपा कार्यालय में मौजूद रहे. बताया जा रहा है कि इस दौरान वह डैमेज कंट्रोल की हर मुमिकन कोशिश करते दिखे हालांकि, उनकी कोशिश क्या रंग लायी, ये अभी साफ नहीं हो पाया है. यहां आपको बता दें कि पहली सूची आने के बाद शुक्रबवार शाम तक ही पार्टी में इस्तीफे का सिलसिला शुरू हो गया था. इनमें अंकलेश्वर विधानसभा सीट पर भाई ने ही अपने भाई के टिकट का विरोध किया.
टिकट की घोषण होने के बाद भरुच जिला पंचायत के सदस्य वल्लभ पटेल ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने वाले वल्लभ पटेल, ईश्वर पटेल के अपने भाई हैं. अंकलेश्वर सीट से वल्लभ पटेल ने भी पार्टी से टिकट मांगा था. दशरथ पुवार ने जिला भाजपा महामंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. वड़ोदरा में भी दिनेश पटेल को टिकट दिये जाने से पार्टी में बगावती सुर खड़े होने शुरू हो गये हैं. पादरी जिला पंचायत और तहसील पंचायत के नेता कमलेश पटेल ने भी पार्टी छोड़ दिया है. वहीं वडोदरा जिला महामंत्री चैतन्य सिंह झाला ने भी पार्टी को इस्तीफा पकड़ा दिया है.
पिछले दिनों ही कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए भोलाभाई गोहिल भी नाराज नजर आ रहे हैं. उन्होंने जसदण सीट से टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने उनपर भरोसा नहीं दिखाया जबकि वो इस सीट से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं. इतना ही नहीं गोहिल ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने की हिम्मत जुटायी थी, लेकिन इस सीट से भरत बोगरा को टिकट दिया गया. बताया जा रहा है कि नाराज गोहिल शनिवार को जीतु वाघानी से मुलाकात कर अपनी बात रख सकते हैं.
भाजपा ने इस बार 70 में से मात्र चार महिलाओं को ही उम्मीदवार बनाया है. टिकट लेने में जो कामयाब रहीं उनमें से सूरत की लिंबायत सीट से विधायक संगीता बेन पाटिल, वडोदरा सुरक्षित सीट से मनिषाबेन वकील, भावनगर पूर्व से विभावरीबेन देव और खेडब्रह सीट से रमीला बेन बेचर शामिल हैं.
भाजपा ने पार्टी ने सुरेंद्र नगर जिले से विधायक वर्षा बेन दोशी का टिकट काटा है. वह वढवाण विधानसभा सीट से अपनी दो बार से विधायक हैं. उनका टिकट काट कर धनजीभाई पटेल को टिकट दिया है.
जिस गोधरा कांड से गुजरात में 2002 के दंगे हुए. उस गोधरा विस सीट पर भाजपा को लगातार हार झेलनी पड़ती थी. कांग्रेस के सीके राऊलजी की छवि को इस बार भाजपा ने भुनाने के लिए उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है.
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हार्दिक पटेल आंदोलन, जिग्नेश दलित आंदोलन और अल्पेश ओबीसी आंदोलन के जरिये अचानक प्रमुख सियासी चेहरे बन बैठे हैं और भाजपा के लिए चुनौती बन रहे हैं.
जारी सूची में पाटीदार बिरादरी के 13, ठाकोर और दलित समाज के 12 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है. पाटीदार समाज के उम्मीदवारों की संख्या 13 तब है, जब पार्टी ने अभी पटेलों के प्रभाव वाले इलाकों से उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं.
उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करते हुए पार्टी ने केवल दमदार चेहरों के नामों को ही आगे किया है. पहली लिस्ट में पार्टी ने महज 70 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है. अभी 112 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान होना बाकी है.
दूसरी लिस्ट में विधायकों के नाम पर कैंची चलने के संकेतों के बीच जमीन पर नेताओं और कार्यकर्ताओं का विरोध गुजरात के अलग-अलग हिस्सों में शुरू हो गया है. राजकोट जिले की कोडीनार सुरक्षित सीट से विधायक एवं रूपाणी सरकार में मंत्री जेठा भाई सोलंकी के टिकट कटने की पूरी उम्मीद है.
उन्हें साधने के मकसद से सूबे के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने जेठा भाई को शनिवार सुबह गांधी नगर मिलने बुलाया है. तो जिले की तलारा सीट पर पार्टी के जिला संगठन के उपाध्यक्ष ने नामांकन भर दिया है. पूरा संगठन जिला उपाध्यक्ष के साथ खड़ा है. ऐसी ही स्थिति उना सीट को लेकर है. यहां भी कोली और गैर कोली को उम्मीदवार बनाने का विवाद है.
डायमंड नगरी के रूप में पहचानी जाने वाली सूरत में भी भाजपा अपने मौजूदा विधायकों पर कैंची चलाने की तैयारी में है. सूरत के 7 विधायकों का ही पार्टी ने पहली सूची में नाम तय किया है. कई वर्तमान विधायकों के नाम कटने के आसार हैं.
सूरत के 16 सीटों में से 15 सीट पर वर्तमान में भाजपा के विधायक हैं. एकलौती मांडवी सीट कांग्रेस के खाते में गई थी. सूत्र बता रहे हैं कि जिन 8 विधायकों को पार्टी ने पहली लिस्ट में उम्मीदवार नहीं बनाया है. उनमें से करीब आधे से ज्यादा के टिकट काटे जाएंगे.
उम्मीदवारों की लिस्ट घोषित करने को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच जारी पहले आप-पहले आप के खेल में 70 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दरियादिली भाजपा ने ही दिखाई है. मगर पार्टी ने उन्हीं सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है.
जहां इससे योग्य उम्मीदवार उसके पास नहीं थे और कांग्रेस को भी इन उम्मीदवारों की काट निकालनी आसान नहीं रहेगी. अब दबाव कांग्रेस पर बढ़ गया है. यदि वह अन्य सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान पहले कर देती है तो भाजपा को रणनीति बनाने का मौका मिल जाएगा.