जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : पिछले कुछ समय से देश की अर्थव्यवस्था में जारी गिरावट को लेकर सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था. मगर पिछली बार की तुलना में इस बार जीडीपी ग्रोथ रेट यानी सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर में वृद्धि देखने को मिली है. दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर तिमाही) में बढ़कर जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी हो गई है. वहीं, पिछली तिमाही में 5.7 फीसदी थी. रॉयटर्स द्वारा किये गये सर्वेक्षण में अर्थशास्त्रियों ने सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. वहीं, ब्लूमबर्ग के सर्वे में भी अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया था कि इस तिमाही में भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़ कर 6.4 हो जाएगा.
अब अर्थव्यवस्था के रफ्तार पकड़ने की पूरी उम्मीद भी थी क्योंकि नोटबंदी और GST लागू होने के बाद छाई सुस्ती अब छंट रही थी और बिजनस भी बढ़ने के संकेत मिल रहे थे। इससे पहले अधिकतर इंडिपेंडेंट इकनॉमिस्टों ने भी अनुमान लगाया था कि सितंबर तिमाही में ग्रॉस वैल्यू ऐडेड (जीवीए) में 6.3-6.5 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है।
गौरतलब है कि सामानों पर लगने वाले नेट टैक्स को जीवीए में जोड़कर जीडीपी निकाला जाता है। प्रॉडक्ट्स पर नेट टैक्स में से सब्सिडी को हटाकर जो आंकड़ा हासिल होता है, वह यहां नेट टैक्स है। इनडायरेक्ट टैक्स संबंधी अनिश्चितता की वजह से अधिकतर ऐनालिस्ट अब जीवीए को ग्रोथ का सही आईना मान रहे हैं। इंडस्ट्रियल ग्रोथ में रिकवरी और कंजम्पशन डिमांड बढ़ने की वजह से सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में रिकवरी की बात कही जा रही थी।
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की भारतीय शाखा ICRA के अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘आद्योगिक क्षेत्र के रफ्तार पकड़ने के साथ ही हम धीरे-धीरे रिकवरी की उम्मीद कर रहगे हैं क्योंकि बिजनस ने भी GST कानून को भी अपना लिया है।’ भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने भी पिछले महीने कहा था कि अर्थव्यवस्था में तेजी के संकेत मिल रहे हैं और ग्रोथ 7 फीसदी तक पहुंच सकती है।
इंडस्ट्रियल ग्रोथ का पता इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन (आईआईपी) से चलता है। इस वित्त वर्ष में जुलाई से सितंबर के बीच आईआईपी ग्रोथ औसतन 3.1 पर्सेंट रही, जबकि इससे पिछली तिमाही में इसमें 1.9 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई थी। इससे पहले इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च के चीफ इकनॉमिस्ट डी के पंत ने बताया, ‘सितंबर तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और इलेक्ट्रिसिटी तीनों का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद है। इसलिए जीवीए में इंडस्ट्री की तरफ से बड़े बदलाव का अनुमान लगाया जा रहा है।’ रेटिंग एजेंसी ने सितंबर तिमाही में 6.3 पर्सेंट जीवीए और 6.5 पर्सेंट जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया था। जून तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग आईआईपी 1.8 पर्सेंट और वित्त वर्ष की पहली छमाही में 1.9 पर्सेंट बढ़ा है।
जीएसटी लागू होने और नोटबंदी की वजह से जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में कमी आई थी। अब जीएसटी सेटल हो रहा है और नोटबंदी को एक साल हो चुका है। ऐसे में इकनॉमिक ऐक्टिविटी में रिकवरी हो रही है। एसबीआई ने भी एक रिपोर्ट में कहा था कि सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में रिकवरी होती दिखी है और यह 6-6.5 पर्सेंट के बीच रह सकती है। रिपोर्ट में विदेशी टूरिस्टों की संख्या बढ़ने, एयर फ्रेट ट्रैफिक, रेलवे ट्रैफिक और टेलिफोन सब्सक्राइबर्स की संख्या में हाल के महीनों में बढ़ोतरी का जिक्र किया गया है। सितंबर में भारत में पैसेंजर वीइकल सेल्स में 11.32 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई थी।
जीडीपी ग्रोथ के बारे में केयर रेटिंग्स के चीफ इकनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा कि ट्रेड, ट्रांसपोर्ट गवर्नमेंट सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ में पहली तिमाही के मुकाबले रिवर्सल की वजह से जीडीपी में तेजी आएगी। पंत का कहना है कि सरकारी खर्च स्थिर रहने के बावजूद कंज्यूमर एक्सपेंडिचर में रिकवरी दिख सकती है। जापानी फाइनैंशल सर्विसेज फर्म नोमुरा ने कहा है कि कंजम्पशन और इन्वेस्टमेंट इंडिकेटर्स में रिकवरी की वजह से जीडीपी ग्रोथ में बढ़ोतरी की उम्मीद है। नोमुरा ने वित्त वर्ष 2018 में जीवीए में 6.4 पर्सेंट की ग्रोथ का अनुमान लगाया है, जबकि आरबीआई ने इसके 6.7 पर्सेंट रहने की बात कही है।