जन जीवन ब्यूरो
नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने इलाज में घोर लापरवाही के लिए शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 308 के तहत अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बता दें कि अस्पताल पर मरा हुआ कहकर नवजात जुड़वां बच्चों के ‘शव’ को परिजनों को सौंपने का आरोप है।
चौंकाने वाली घटना में, शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पिटल ने समय से पहले पैदा हुए दो जुड़वां बच्चों को कथित तौर पर मृत घोषित कर दिया और पॉलिथीन बैग में उन्हें उनके अभिभावकों को सौंप दिया। परिजनों के मुताबिक जब शिशुओं को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया रहा था, उस दौरान पता लगा कि उनमें से एक जीवित है। जुड़वां शिशुओं का मैक्स हॉस्पिटल में गुरुवार सुबह जन्म हुआ। महिला को पश्चिम विहार के एक नर्सिंग होम से यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिवार ने पुलिस से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
इससे पहले पुलिस ने बताया, ‘कल (गुरुवार) हमें शालीमार बाग थाने में एक फोन कॉल मिला। फोन करने वाले ने कहा कि आशीष नामक एक व्यक्ति की पत्नी वर्षा को समय से पूर्व प्रसव की संभावना को देखते हुए पश्चिम विहार के एक नर्सिंग होम से मैक्स अस्पताल रेफर किया गया।’ पुलिस के अनुसार, महिला को 28 नवंबर को वहां भर्ती कराया गया। डाक्टरों ने परिवार को बताया कि उसकी हालत गंभीर है और जुड़वां शिशुओं के बचने के आसार कम हैं, क्योंकि महिला 6 महीने की गर्भवती थी। बाद में, परिवार को सूचित किया गया कि दोनों शिशु मृत हैं। परिवार को दोनों शिशु एक पॉलिथीन बैग में सौंप दिए गए।
शिशुओं के पिता ने कहा कि उन्होंने पैकेट में हलचल देखी। जब पैकेट फाड़ा गया तो देखा कि एक शिशु सांस ले रहा है। उसे तुरंत ही पीतमपुरा में एक नर्सिंग होम ले जाया गया। मैक्स अस्पताल ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘यह हमारे संज्ञान में लाया गया है कि समय से पूर्व पैदा एक नवजात शिशु (22 सप्ताह) को मैक्स अस्पताल शालीमार बाग द्वारा अभिभावकों को सौंप दिया गया। शिशु एक नर्सिंग होम में जीवन रक्षक प्रणाली पर है। इसमें कहा गया है कि शिशु का जन्म 30 नवंबर को हुआ था। दूसरा शिशु मृत था। हम इस दुर्लभ घटना से चकित और चिंतित हैं।’ बयान में कहा गया है कि एक विस्तृत जांच शुरू की गई है और जांच निलंबित रहने तक संबंधित डॉक्टर को तुरंत अवकाश पर जाने को कहा गया है। वे अभिभावकों के साथ लगातार संपर्क में हैं और सभी जरूरी मदद मुहैया करा रहे हैं।
केद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने भी पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली सरकार से जरूरी कार्रवाई करने को कहा है। वहीं दिल्ली सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और 3 दिनों के अंदर प्रारंभिक रिपोर्ट मांगी है। दिल्ली सरकार ने अपने आदेश में कहा है, उक्त घटना की जांच होगी और 72 घंटे के अंदर प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी जाएगी और एक हफ्ते में अंतिम रिपोर्ट सौंपी जानी है।