जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार प्रसार चरम पर है . बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर है. सियासी जंग का विजेता कौन होगा, इसके लिए 18 दिसंबर तक इंतजार करना पड़ेगा. लेकिन सीएसडीएस का ओपिनियन पोल बीजेपी की नींद उड़ा रही है. पोल के अनुसार बीजेपी का ग्राफ लगातार नीचें की ओर जा रहा है.
अक्टूबर के गुजरात ओपिनिनयन पोल
सीएसडीएस का पहला ओपिनियन पोल अक्टूबर में आया जिसमें बीजेपी को 115 से 125 सीटों का अनुमान था, यानि औसत 120 सीटें मिल रही थीं. जबकि कांग्रेस महज़ 57 से 65 सीटों पर सिमट रही थी यानि औसत 61 सीटें मिल रही थीं.
नवंबर के गुजरात ओपिनिनयन पोल
लेकिन नवंबर के ओपिनियन पोल में बीजेपी की सीटें घट गईं. हालांकि, ये सीटें मामूली थीं. तब बीजेपी को 113 से 121 सीटें मिल रही थीं यानि औसत 117 सीटें मिल रही थीं. कुल मिलाकर अक्टूबर के ओपिनियन पोल से तीन सीटें कम हो रही थीं. लेकिन इसका फायदा कांग्रेस को नहीं मिल रहा था. कांग्रेस को 58 से 64 सीटें मिल रही थीं यानि औसत 61 ही रहने का अनुमान था.
दिसंबर के गुजरात ओपिनिनयन पोल
लेकिन ताज़ा ओपिनियन पोल के आंकड़े बीजेपी की नींद खराब करने वाले हैं. सीएसडीएस के इस नए ओपिनियन पोल के मुताबिक बीजेपी को 91 से 99 सीटें यानि औसत 95 और कांग्रेस को 78 से 86 सीटें यानि औसत 82 सीटें आ रही हैं. इसका मतलब हुआ कि बीजेपी को दोनों ओपिनियन पोल से 20 से ज्यादा सीटों का नुकसान हो रहा है, जबकि कांग्रेस को 20 से ज्यादा सीटों का फायदा होता दिख रहा है.
क्यों गिर रहा है बीजेपी का ग्राफ ?
दरअसल, वोट शेयर के मोर्चे पर बीजेपी के लिए बड़ा खतरा है. अक्टूबर के ओपिनियन पोल में बीजेपी और कांग्रेस के बीच वोट शेयर का फासला 9 फीसदी का था, तब बीजेपी को 48 फीसदी और कांग्रेस को 39 फीसदी वोट मिलने का अनुमान था.
लेकिन नवबंर के ओपिनियन पोल में ये फासला घटकर 6 फीसदी हो गया और तब बीजेपी को 47 और कांग्रेस को 41 फीसदी वोट मिलने का अनुमान था.
तेकिन ताज़ा ओपिनियन पोल में वोट शेयर का फासला शून्य पर पहुंच गया है. यानि अब बीजेपी और कांग्रेस दोनों को 43-43 फीसदी वोट मिल रहे हैं.
चुनावी एक्सपर्ट का कहना है कि अगर वोट शेयर में थोड़ा भी बदलाव हुआ तो बीजेपी के लिए ये चुनाव भारी पड़ सकता है.