जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । कांग्रेस ने चुनाव आयोग और पीएम पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि चुनाव आयोग बीजेपी का बंधक हो गया है। कांग्रेस ने मुख्य चुनाव आयुक्त के गुजरात कनेक्शन का मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि वह अभी भी पीएम के निजी सचिव के रूप में काम कर रहे हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि साबरमती के रानिप में वोट डालने के बाद पीएम मोदी ने रोड शो कर आचार संहिता और कानून की धज्जियां उड़ा दी हैं। कांग्रेस ने फिक्की के मंच का भी इस्तेमाल करने का आरोप पीएम मोदी पर लगाया है।
पीएम मोदी भले ही अब प्रधानमंत्री हैं और दिल्ली में रहते हैं लेकिन आज भी वह गुजरात के ही वोटर हैं। इससे पहले 4 बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे थे मोदी।
पीएम मोदी जब तक वोट डालकर निकले, तब तक वहां काफी भीड़ इकट्ठी हो चुकी थी।
वोटिंग करने के बाद पीएम मोदी ने वहां जमा भीड़ को अपनी उंगली पर लगे स्याही का निशान दिखाया।
गुजरात विधानसभा की 93 सीटों के लिए हो रही है वोटिंग, कांग्रेस-बीजेपी में है कांटे का मुकाबला।
गुजरात में 22 साल से लगातार बीजेपी की सरकार है।इस बार कांग्रेस को मिला है हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर का साथ।
गुजरात के साथ ही हिमाचल विधानसभा चुनाव के नतीजे भी 18 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।
पीएम मोदी ने वोट डालने के बाद अपनी गाड़ी में खड़े होकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। माहौल रोड शो जैसा ही था और कांग्रेस ने अब इसी को मुद्दा बना लिया है। गुरुवार को गुजरात चुनाव में कांग्रेस के प्रभारी अशोक गहलोत और कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग और पीएम मोदी पर हमला बोल दिया।
रणदीप सुरजेवाला ने सीधे तौर पर पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘पीएम मोदी की हरकतें यह दर्शाती हैं कि वह प्रजातांत्रिक मूल्यों को तोड़ किसी तरह से गुजरात चुनाव में प्रासंगिक बने रहना चाहते हैं। 22 साल के कुशासन के बाद गुजरात के लोग पीएम को नकार चुके हैं। मोदीजी की डूबती नाव को अब चुनाव आयोग की कठपुतली का सहारा बचा है। सी प्लेन से लेकर सारे प्रपंच खत्म हो गए तो कठपुतली चुनाव आयोग के सिर पर दांव खेला जा रहा है।’
सुरजेवाला ने कहा कि पीएम चुनाव आयोग और प्रशासन के साथ मिलकर गुजरात में रोड शो कर रहे हैं। यह संविधान की धज्जियां उड़ाना है।
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग का कांग्रेस के प्रति अलग रुख है जबकि बीजेपी के प्रति अलग। उन्होंने राहुल गांधी के टीवी इंटरव्यू दिखाए जाने पर चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई का रोक का मुद्दा फिर उठाया। सुरजेवाला ने कहा, ‘दिल्ली में अगर टीवी चैनल ने राहुल गांधी का इंटरव्यू लिया तो यह विचारों की अभिव्यक्ति थी, लेकिन चुनाव आयोग ने टीवी चैनलों और अखबारों पर एफआईआर किया, राहुल गांधी को नोटिस किया।’
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा, ‘देश चुनाव आयोग से जानना चाहता है कि 8 दिसंबर को जब बीजेपी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर अहमदाबाद में अपना मेनिफेस्टो जारी करती है तो चुनाव आयोग मूकदर्शक क्यों बना रहता है। क्या कारण है कि वोटिंग से एक दिन पहले अहमदाबाद एयरपोर्ट जैसी सार्वजनिक संपत्ति पर अमित शाह पत्रकार गोष्ठी करते हैं। क्या कारण है कि एक केंद्रीय मंत्री (पीयूष गोयल) गुजरात को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं।’
उन्होंने इसी क्रम में चुनाव आयोग से पूछा, ‘क्या कारण है कि खुद आदरणीय पीएम फिक्की के प्लैटफॉर्म को एक राजनीतिक सभा के तौर पर इस्तेमाल करते हैं तो चुनाव आयोग मूक दर्शक बना रहता है। कल जब हमने तथ्य रखा, विडियो दिखाए तो चुनाव आयोग ने कहा कि कार्रवाई करेंगे। आज सुबह उनका जवाब आया कि शाम 5 बजे के बाद कार्रवाई करेंगे। चुनाव आयोग मोदी जी के सचिव की ही तरह काम कर रहे हैं। यह शर्म की बात है।’
गुजरात चुनाव के कांग्रेस प्रभारी अशोक गहलोत ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोति पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वह गुजरात के चीफ सेक्रटरी रहे हैं और लगता है कि उसी दौरान बना रिश्ता निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमिशन पूरी तरह पीएम और पीएमओ के दबाव में काम कर रहा है।