जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । यूपीए-2 सरकार के सबसे चर्चित घोटालों में से एक 2 जी स्कैम घोटाले में पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष सीबीआई अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। इस फैसले के बाद से कांग्रेस दिग्गजों के निशाने पर तत्कालीन कैग विनोद राय निशाने पर आ गए हैं। उस वक्त के कैग विनोद राय की रिपोर्ट को बीजेपी ने हाथों-हाथ लिया था और भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी विनोद राय पर राजनीतिक षड्यंत्रों का आरोप लगा रहे हैं।
फैसले के बाद से विनोद राय की रिपोर्ट्स पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने मांग की है कि राय को सभी पदों से हटाया जाए। विपक्ष ने यह भी कहा है कि सच्चाई सामने लाने के लिए पूर्व CAG को समन किया जाए। बता दें कि 2013 में रिटायर होने के बाद मोदी सरकार के राज में राय को बीसीसीआई की प्रशासक समिति (सीओए) का प्रमुख नियुक्त किया गया है। कपिल सिब्बल ने इस फैसले के बाद कहा, ‘आज मेरी बात सिद्ध हो गई है कोई करप्शन नहीं कोई लॉस नहीं। अगर स्कैम है तो झूठ का स्कैम है। विपक्ष और विनोद राय के झूठ का। विनोद राय को देश के सामने माफी मांगनी चाहिए।’
इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं। विपक्ष ने मेरे और मेरी सरकार के खिलाफ जो आरोप लगाए सब निराधार साबित होते हैं। 2जी घोटाला नाम से हमें बदनाम करने की साजिश थी। आज कोर्ट के फैसले ने हमारी सरकार के पक्ष को सही साबित किया।’
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने भी ट्वीट कर विनोद राय को आड़े हाथों लिया। उन्होंने ट्वीच किया, ‘श्री विनोद राय पूर्व कैग को देश से माफी मांगनी चाहिए। देश के सामने गलत और भ्रामक आंकड़े पेश कर उन्होंने दुष्प्रचार किया। 1.76 लाख करोड़ रुपए के घोटाले की जो रिपोर्ट उन्होंने बनाई थी, उसका खंडन मैंने जेपीसी के सामने किया था। जेपीसी की रिपोर्ट को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।’
बता दें कि टू जी स्कैम पर बीजेपी और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी आक्रामक रूख रखा था। पीएम ने अपने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी यूपीए कार्यकाल में हुए घोटालों का जिक्र किया था और टू जी स्कैम का नाम वह प्रमुखता से लेते थे।