जनजीवन ब्यूरो / रायपुर । पैसे निकालने के लिए छत्तीसगढ़ में एक किसान को चारपाई पर लादकर बैंक ले जाना पड़ा। तब कहीं जाकर उसे समर्थन मूल्य पर बेचे गए धान के पैसे बैंक खाते से मिल पाए। गुरुवार को जिला सहकारी मर्यादित बैंक शाखा मगरलोड में एक बैंक कर्मचारी की हठधर्मिता के चलते इंसानियत पर सवाल खड़े हो गए।
छत्तीसगढ़ के धमतारी के मेघा गांव की निवासी रामबाई ने बैंक में बताया कि उनके पति गुहाराम साहू दुर्घटना में घायल हो गए हैं, उनका पैर टूट गया है और वो बिस्तर पर पड़े हैं। इसलिए समर्थन मूल्य के पैसों का भुगतान लेने के लिए अधिकृत दस्तावेजों के साथ आई थीं। उनके पास ग्राम पंचायत से पहचान पत्र, जिला अस्पलाल से अपने पति की इलाज की पर्ची और भुगतान लेने का अधिकार पत्र लेकर आई थी।
इस दौरान खाट पर लेटकर बैंक पहुंचे किसान को देखने के लिए भीड़ इकट्ठा हो गई।
डेढ़ एकड़ रकबे का धान समर्थन मूल्य में गुहाराम ने समिति में बेचा था। उसी का भुगतान बैंक खाते से निकालने उसकी पत्नी बैंक आई थी। बैंक के एक कर्मचारी ने पत्नी को भुगतान करने मना कर दिया। रामबाई के बहुत गुहार लगाने के बाद भी बैंक कर्मचारी नहीं माना। इसलिए रामबाई को भुगतान नहीं होने पर गुहाराम को मजबूरन बैंक आना पड़ा।