जनजीवन ब्यूरो / रांची । 2 जी और आदर्श घोटाले के फैसले आने के बाद 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाला का चारा घोटाला का फैसला शनिवार को आएगा। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत 22 लोगों के खिलाफ शनिवार को सीबीआई की विशेष अदालत अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा भी आरोपी हैं।
चारा घोटाला से जुडे़ देवघर कोषागार से 89 लाख 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मुकदमे में शनिवार को फैसला आना है। इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ 70 लाख रुपये अवैध ढंग से निकालने के एक एक अन्य मामले में इन सभी को सजा हो चुकी है।
बता दें कि वर्ष 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से 89 लाख 27 हजार रुपये अवैध ढंग से पशुचारे के नाम पर निकासी के इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे। इनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्टूबर 1997 को मुकदमा दर्ज किया था और लगभग 21 वर्षों बाद इस मामले में शनिवार को फैसला आने की संभावना है।
इस मुकदमे में लालू यादव के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा और ध्रुव भगत, आर के राणा, तीन आईएएस अधिकारी फूलचंद सिंह, बेक जूलियस एवं महेश प्रसाद, कोषागार के अधिकारी एस के भट्टाचार्य, पशु चिकित्सक डॉ. के के प्रसाद और शेष अन्य चारा आपूर्तिकर्ता आरोपी थे। सभी 38 आरोपियों में से 11 की मौत हो चुकी है, वहीं तीन सीबीआई के गवाह बन गए जबकि दो ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया था। गुनाह कबूल करने वाले दोषियों को वर्ष 2006-07 में ही सजा सुना दी गयी थी।
ऐसे में अब इस मामले में कुल 22 आरोपियों के खिलाफ अदालत फैसला सुनाएगी। शिवपाल सिंह की अदालत ने इस मामले में सभी पक्षों के गवाहों के बयान दर्ज करने और बहस के बाद अपना फैसला 13 दिसंबर को सुरक्षित रख लिया था।
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में पेश होने के लिए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव अपने छोटे बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ शुक्रवार शाम 4 बजे पटना से रांची पहुंचे। लालू अदालत में फैसला सुनने के लिए शनिवार सुबह 11 बजे पेश होंगे। लालू के वकील चितरंजन प्रसाद ने बताया कि इस मामले में यदि लालू और अन्य को दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें अधिकतम सात वर्ष की और न्यूनतम एक वर्ष की कैद की सजा होगी। वहीं सीसीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में गबन की धारा 409 में दस वर्ष तक की और धारा 467 के तहत आजीवन कारावास की भी सजा हो सकती है।