जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । राज्यसभा सीट को लेकर आम आदमी पार्टी के भीतर शुरू हुई जंग अब राजस्थान तक पहुंच गई है। कुमार विश्वास के नाम पर पार्टी के अंदर अविश्वास जताया जा रहा है। राजस्थान के कुछ कार्यकर्ता जहां कुमार विश्वास को अजमेर लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़ाने की मांग कर रहे हैं वहीं, आम आदमी पार्टी की राजस्थान इकाई के ट्विटर हैंडल से इस मांग को षड्यंत्र बताया गया है।
AAP की राजस्थान इकाई के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘AAP राजस्थान के कुछ कार्यकर्ता केंद्रीय कार्यालय के कुछ भ्रामक लोगों के षड्यंत्र के प्रभाव में आ रहे हैं। अजमेर लोकसभा से कुमार विश्वास की उम्मीदवारी की सूचना गलत है। राजस्थान की धरती पर यहीं का कार्यकर्ता लड़ेगा। कुमार विश्वास समय पर यहां प्रचार करें और चुनाव जितवाएं यह खुशी की बात होगी।’
कुमार विश्वास से इस मसले पर उनका पक्ष जानने के लिए कई बार कोशिश की गई लेकिन कुमार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। हालांकि कुमार विश्वास के करीबियों का आरोप है कि यह उपचुनाव की बात राज्यसभा को लेकर कुमार विश्वास की प्रबल दावेदारी को कमजोर करने के लिए की जा रही है। ट्वीट में जिस तरह षड्यंत्र का जिक्र किया गया है, उसी तरह कुमार के करीबी भी इस मांग को षड्यंत्र का हिस्सा बता रहे हैं।
कुमार के एक करीबी के मुताबिक कुमार विश्वास ने जब पहली बार राजस्थान के कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग की थी, उसी वक्त साफ कर दिया था कि राजस्थान के लोग ही राज्य के फैसले लेंगे और चुनाव लड़ेंगे, दिल्ली से कोई हक जताने या चुनाव लड़ने नहीं जाएगा। इस ट्वीट को लेकर भी राजस्थान की आप टीम बंटी नजर आ रही है। पार्टी के राजस्थान के सोशल मीडिया इंचार्ज अभिषेक पांडे ने कहा कि इस ट्वीट को ऑफिशल स्टेटमेंट नहीं माना जा सकता।
पांडे ने कहा कि यह हैंडल अभी तक वेरिफाइ नहीं है और इसे चार-पांच लोग मिलकर चला रहे हैं। अभिषेक ने कहा कि मैं पता करने की कोशिश कर रहा हूं कि यह ट्वीट आप राजस्थान के हैंडल से किसने किया, खुद किया या किसी के कहने पर किया। उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर अलग-अलग राय हो सकती है। हम कुमार विश्वास को अजमेर लोकसभा सीट का उपचुनाव लड़ाना चाहते हैं और हो सकता है कि कुछ लोग इसके विरोध में भी हों।
कुमार को चुनाव लड़ाने की मांग को लेकर अभिषेक खुद भी दिल्ली में हैं। राजस्थान से दिल्ली आए पार्टी के नैशनल काउंसिल मेंबर सुनील आगिवाल ने कहा कि हमने अपनी मांग के साथ लेटर पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी (PAC) में पहुंचा दिया है और उम्मीद है कि जल्द ही मीटिंग कर वह इस पर फैसला लेंगे।