अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली । साल 2018 का पहला शनिवार बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के लिए महादशा लेकर आया। भोले शंकर की नगरी देवघर के कोषागार से अवैध निकासी के मामले में रांची की एक अदालत ने लालू साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है। सजा के ऐलान के बीच बिहार राजधानी पटना में राजनीतिक गतिविधि चरम पर थी। आरजेडी की सबसे बड़ी मीटिंग हो रही थी। मीटिंग में आरजेडी के तमाम टॉप नेताओं के अलावा पूरे प्रदेश से पदाधिकारी भी शामिल हो रहे थे। मीटिंग में लालू के विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि लालू यादव के खिलाफ साजिश रची गयी है और उनकी पार्टी में पूरी तरह एकजुटता है। वीरेंद्र ने टूट फूट की बातों से इनकार करते हुए कहा कि बिहार में एनडीए सरकार के कई मंत्री विधायक उनके संपर्क में हैं। भाई वीरेंद्र ने कहा कि जदयू और भाजपा के विधायक उनसे लगातार संपर्क में हैं, समय आने पर वह नामों का खुलासा करेंगे।
वहीं बैठक में पहुंचे बाकी विधायकों और नेताओं ने कहा कि जब-जब राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव के खिलाफ साजिश की गयी है, तब-तब पार्टी मजबूत होकर उभरी है। लेकिन पार्टी को जल्द ही ‘अग्निपरीक्षा’ से गुजरना होगा। दरअसल, बिहार की अररिया लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है, जो RJD सांसद मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के निधन से खाली हुई है। यही नहीं, अक्टूबर में राजद विधायक मुद्रिका सिंह यादव के निधन के बाद से जहानाबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। वहीं, भाजपा विधायक आनंद भूषण पांडेय का नवंबर में निधन होने से भभुआ विधानसभा सीट भी खाली हो गई है।
वहीं, सजा के ऐलान पर नीतीश कुमार की अगुआई वाली जेडीयू और बीजेपी भी इस फैसले पर टकटकी लगाकर देख रही थी। इनका आकलन था कि अधिक दिनों तक लालू प्रसाद के जेल में रहने का मतलब है- विपक्ष मुक्त बिहार को अमल में लाने का समय। आरजेडी जहां लालू के लिए अधिकतम 3 साल सजा की दुआ कर रहा था जिससे तत्काल जेल से जमानत मिल जाए। वहीं, बीजेपी और जेडीयू का गणित था कि 5 साल जेल मिलने पर जमानत मिलने में देरी होगी। इसके लिए हाई कोर्ट तक जाना होगा। हालांकि जब जज ने न 3 साल न 5 साल की सजा दी बल्कि 3.5 साल की सजा सुनाई तो दोनों खेमा नए सिरे से आकलन में जुट गया।
फैसले के तुरंत बाद आरजेडी के एक सीनियर नेता ने कहा कि- कोर्ट का रुख देखते हुए हमने 5 साल की सजा की उम्मीद की थी। अब सजा कम होने के बाद उम्मीद बढ़ी है कि हाई कोर्ट से तुरंत जमानत मिल जाएगी।
हालांकि लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी के नेतृत्व में शनिवार को हुई मीटिंग में पार्टी के आगे की रणनीति पर चर्चा की गई। पार्टी में तय किया गया कि तुरंत एक सामूहिक नेतृत्व खड़ा करना होगा, जो पार्टी का कामकाज देख सके।
अगले महीने ही बिहार में लोकसभा सीट पर उपचुनाव है और वह सीट आरजेडी की है। ऐसे में उस सीट को बचाए रखना आरजेडी के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है। मीटिंग में तय किया गया कि लालू प्रसाद यादव की चिट्ठी को पूरे प्रदेश में बांटा जाएगा, लेकिन पार्टी की मीटिंग के बाद जिस तरह तेजस्वी यादव ने पूरी मीटिंग के बारे में बात रखी उससे साफ संकेत गया कि लालू की अनुपस्थिति में वही कमान संभालने वाले हैं। वहीं, आरजेडी नेताओं ने कहा कि सजा की पूरी कॉपी मिलने के तुरंत बाद वे हाई कोर्ट में अपील करेंगे।
तेजस्वी के नेतृत्व पर रघुवंश प्रसाद ने मुहर भी लगाते हुए कहा कि पार्टी मजबूती से आगे बढ़ेगी।
हालांकि फिलहाल जो केस की स्थिति है उस हिसाब से लालू प्रसाद का तुरंत जेल से निकल पाना आसान नहीं है। अभी इस केस में सजा मिलने के अलावा चार और केस में कोर्ट का फैसला आना है। सूत्रों के अनुसार जनवरी महीने में ही उन सभी मामले में अगर लालू प्रसाद को सजा मिलती गई तो सबमें अलग-अलग सजा मिलेगी और सबमें अलग-अलग जमानत लेनी होगी।
कांग्रेस ने कहा- गठबंधन पर असर नहीं
उधर, लालू यादव के जेल जाने के बाद कांग्रेस ने भी तुरंत संकेत दिया कि इससे आरजेडी के साथ गठबंधन पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ेगा। फैसले के तुरंत बाद कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह ने कहा कि पार्टी ने हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है। जहां तक गठबंधन का सवाल है, वह आरजेडी के साथ है, किसी व्यक्ति के साथ नहीं। सूत्रों के अनुसार पार्टी के स्टैंड में कोई बदलाव नहीं आएगा।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव को हमने नेता मान लिया है और साल 2020 में सब कुछ उन्हीं के नेतृत्व में होगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह का भी कहना है कि साल 2020 में राष्ट्रीय जनता दल अलायंस की ही सरकार बनेगी और तेजस्वी यादव हमारे मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने कहा कि माननीय न्यायधीश को यह बताना चाहिए कि कॉल किसने किया था, तब हम लोग कुछ बोल पाएंगे। जगदानंद सिंह ने यह भी कहा कि एक ही केस में अगर किसी को बेल मिलती है और किसी दूसरे को सजा तो ये सवाल पूछने में गलत क्या है। जगदानंद सिंह ने यह भी कहा कि लालू जी के जेल जाने से हमारी पार्टी और मजबूत होगी, कमजोर नहीं। उन्होंने कहा कि अगर किसी की मंशा हमारी पार्टी को कमजोर करने की है तो उसकी यह मंशा पूरी नहीं होगी। यह केस साल 1996 से चल रहा है। हमारी पार्टी की विचारधारा कभी कमजोर नहीं होगी।