जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । डॉक्टरों की गंदी लिखावट के कारण मरीजों को आ रही परेशानियों को कम करने के लिए केंद्र सरकार डॉक्टरों की पर्ची कैपिटल लेटर में लिखने का फरमान जारी करने जा रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के नियमो में संशोधन करके जल्द ही अधिसूचना जारी कर सभी डॉक्टरों को ऐसा करने के लिए कह सकता है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की माने तो डॉक्टर सभी तरह की दवाओं के नाम अंग्रेजी के बड़े अक्षरों में लिखेंगे। केंद्र सरकार के इस कदम का डॉक्टर समुदाय ने स्वागत किया है। आईएमए के महासचिव डॉ.के.के.अग्रवाल ने कहा है कि इससे मरीजों का मृत्यु दर कम हो सकेगा । कैपिटल लेटर में दवाओं के नाम लिखने के लिए डॉक्टरों को अतिरिक्त समय नहीं जाया करना पड़ेगा। यह मरीजो के लिए बेहतर कदम है।
डीएमए के पूर्व पदाधिकारी रह चुके डॉ. अनिल बंसल की माने तो मरीजों की भीड़ रहने के कारण डॉक्टर जल्दबाजी में दवाओं के नाम लिखते हैं जिसके कारण केमिस्ट दवाओं के नाम नहीं समझ पाते हैं। केमिस्ट अनाप शनाप दवा मरीजों को दे देते हैं। कैपिटल लेटर में पर्ची लिखने की अनिवार्यता इस घटना को कम करेगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे,पी.नड्डा लोकसभा में पहले ही इस पर सहमति जता चुके हैं।