जनजीवन ब्यूरो / श्रीहरिकोटा,भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से अपने 100वें उपग्रह समेत 1323 किग्रा वजनी 31 उपग्रहों का पीएसएलवी सी-40 से प्रक्षेपण किया। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार सुबह 9:28 बजे पीएसएलवी-सी40 रॉकेट छोड़े जाने के 24 घंटे पूर्व गुरुवार को ही मिशन की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी।यह प्रक्षेपण इसरो का इस साल का पहला प्रक्षेपण है। इसरो का यह मिशन देश के अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। जिन 31 उपग्रहों को इसरो ने लॉन्च किया, इनमें भारत के तीन और अन्य छह देशों के 28 उपग्रह शामिल हैं।
भारतीय उपग्रहों में से एक 100 किलोग्राम का माइक्रो सैटेलाइट और एक पांच किलोग्राम का नैनो सैटेलाइट शामिल है। बाकी 28 सैटेलाइट कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के हैं। 31 उपग्रहों का कुल वजन 1323 किलोग्राम है। इसरो ने कहा कि वह अगस्त में नेविगेशन उपग्रह आइआरएनएसएस-1एच के असफल प्रक्षेपण के बाद पहले ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) मिशन के साथ फिर से वापसी किया। इसरो के उपग्रह केंद्र (आइएसएसी) के निदेशक एम. अन्नादुरई ने कहा कि पीएसएलवी-सी40 के जरिए मौसम की निगरानी करने वाले कार्टोसेट-2 श्रृंखला के उपग्रह सहित 31 उपग्रह प्रक्षेपित किए गए। पिछले साल 31 अगस्त को इसी तरह के रॉकेट से नौवहन उपग्रह आईआरएनएसएस-1 एच लॉन्च किया गया था, लेकिन रॉकेट का हीट शील्ड न खुलने की वजह से यह मिशन अपने अंतिम चरण में असफल रहा।
मिशन के फायदे
मिशन के फायदे
- यह कार्टोसेट-2 शृंखला का तीसरा उपग्रह है, जिसे कक्षा में स्थापित किया जा रहा है
- इसमें पैक्रोमेटिक और मल्टी स्पेक्ट्रेल कैमरे लगे हैं, जो उच्च क्षमता की तस्वीरें लेने में सक्षम है
- तस्वीरों का इस्तेमाल, भू मानचित्र बनाने,सड़क नेटवर्क की निगरानी, जल वितरण में होगा
- भूसतह में आने वाले बदलावों की भी निगरानी उपग्रह से मिले तस्वीरों से होगी
- 2021-22 में मंगलयान-2 लाल ग्रह की खोजबीन को जाएगा