जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली: के 4 जजों ने देश के इतिहास में पहली बार सर्वोच्च न्यायालय में उठे विवाद के बाद इंडिया के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा आज बगावती तेवर अपनाने न्यायाधीशों से मुलाकात करेंगे। हालांकि तीन न्यायाधीश राष्ट्रीय राजधानी से बाहर हैं लेकिन उनके दोपहर तक वापिस लौट आने की संभावना है। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि शनिवार को मामला सुलझ जाएगा लेकिन चारों जजों ने कल भी मुलाकात नहीं की। हालांकि कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि आज भी मुलाकात होगी या नहीं।
बाहरी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं
प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ एक तरह से बगावत करने वाले सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीशों में से एक न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने कहा कि मुद्दे के हल के लिए किसी बाहरी हस्तक्षेप की कोई जरूरत नहीं है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने कहा कि मामले पर पूर्ण अदालत को विचार करना चाहिए। चार न्यायाधीशों में शामिल न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने संकट के हल के लिए आगे की दिशा के बारे में पूछे जाने पर कोलकाता में कहा, ‘‘कोई संकट नहीं है।’’ न्यायमूर्ति जोसेफ ने कहा कि मामला राष्ट्रपति के संज्ञान में नहीं लाया गया है क्योंकि कोर्ट या उसके न्यायाधीशों को लेकर उनकी कोई संवैधानिक जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधान न्यायाधीश की ओर से कोई संवैधानिक चूक नहीं हुई है, बल्कि उनकी जिम्मेदारी पूरी करते समय सहमति, चलन और प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए।
बार काउंसिल की पहल
वकीलों के सर्वोच्च निकाय बार काउन्सिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने शीर्ष अदालत के मौजूदा संकट पर चर्चा करने के लिए उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों से मुलाकात करने के लिए सात सदस्यीय दल का गठन किया। उसने एक प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के संवाददाता सम्मेलन करने से पैदा हुई स्थिति का किसी राजनैतिक दल या नेताओं को ‘‘अनुचित फायदा’’ नहीं उठाना चाहिए।
बता दें कि शुक्रवार को एक अभूतपूर्व कदम के तहत न्यायमूर्ति चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने एक तरह से प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ बगावत कर दी थी। उन्होंने मामलों को आवंटित करने समेत कई समस्याएं गिनाईं थीं।