जनजीवन ब्यूरो /मुंबई। इजरायली बच्चे मोशे होल्त्जबर्ग्स मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंचते ही सिर्फ इतना कहा-‘शलोम (नमस्ते) बहुत खुश।’ करीब नौ साल पहले मुंबई के कोलाबा स्थित नरीमन हाउस से भयावह परिस्थितियों में रोता हुआ गया दो साल का मोशे होल्त्जबर्ग्स मंगलवार को जब मुस्कुराता हुआ नरीमन हाउस पहुंचा तो उसने सभी का मन मोह लिया।
अपने नाना शिमोन रोसेनबर्ग और नरीमन हाउस से उसे सुरक्षित निकालकर ले जाने वाली भारतीय नैनी (आया) सांद्रा सैमुअल के साथ दोपहर करीब 1.30 बजे नरीमन हाउस पहुंचे 11 वर्षीय मोशे होल्त्जबर्ग्स का स्वागत चबाड ऑफ इंडिया ट्रस्ट के वर्तमान रब्बाई यिस्त्रायल कोजोलोवस्की एवं उनकी पत्नी छाया ने किया। मोशे ने अपने नाना और नैनी के साथ नरीमन हाउस में आयोजित एक छोटे से समारोह में भाग लिया। 26/11 के आतंकी हमले में मारे गए अपने माता पिता गैव्रियाल एवं रिविका होल्त्जबर्ग्स को श्रद्धांजलि दी। फिर नरीमन हाउस में घूम-घूम कर न सिर्फ अपने माता-पिता की यादें ताजा कीं, बल्कि यिस्त्रायल कोजोलोवस्की के लगभग पौने दो साल के पुत्र गैव्रियाल नॉच के साथ मस्ती भी की। करीब दो साल पहले पिता बनने पर यिस्त्रायल कोजोलोवस्की ने अपने पुत्र का नाम भी 26/11 के आतंकी हमले में मारे गए रब्बाई गैव्रियाल के नाम पर ही रखा था।
इससे पहले मोशे के मंगलवार की सुबह करीब आठ बजे मुंबई के छत्रपति शिवाजी एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद मीडिया ने उससे बात की। किसी ने आवाज लगाई ‘मोशे..’। इसके जवाब में मोशे ने मुस्कराकर कहा-‘शलोम (नमस्ते), बहुत खुश’। मोशे के नाना शिमोन रोजेनबर्ग ने कहा कि मोशे भारत के लोगों को पसंद करता है। उन्होंने कहा कि हमें भारत आकर बहुत खुशी हो रही है। हम मोशे के साथ नरीमन हाउस जा रहे हैं। जहां उसके माता-पिता के लिए प्रार्थना करेंगे। हमें इस देश में बहुत अच्छा लगता है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू बुधवार को मुंबई पहुंचेंगे। वह और मोशे की नैनी यानी आया सांद्रा सैमुएल के हाथों नरीमन हाउस में बनाए गए एक स्मारक का उद्घाटन करेंगे। यह स्मारक 26/11 के आतंकी हमले में नरीमन हाउस में मारे गए लोगों की याद में बनाया गया है। उद्घाटन के बाद इसे आम जनता के लिए भी खोल दिया जाएगा।
मुंबई के नरीमन हाउस पर हुए आतंकी हमले में अपने माता-पिता को खो दिया था। उस वक्त वह सिर्फ दो साल का था। मुंबई हमले को पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयब्बा ने अंजाम दिया था। आपको बता दें कि नरीमन हाउस और ताज होटल समेत अन्य कई स्थानों पर हुए हमलों में 166 लोगों की मौत हो गई थी और काफी लोगों गंभीर रूप से घायल हुए थे। इन हमलों के घाव अब भी लोगों के मन में ताजा हैं। इनमें से एक मोशे भी हैं।
यरुशलम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई एक भावुक मुलाकात के दौरान मोशे ने मुंबई आने की इच्छा जताई थी। मोशे ने मोदी से कहा था, ‘मुझे उम्मीद है कि मैं मुंबई जा सकूंगा और जब मैं बूढ़ा हो जाउंगा, वहां रहूंगा। मैं हमारे चबाड़ हाउस का निदेशक बनूंगा।’
मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, ‘भारत और मुंबई आओ और वहीं रहो। तुम्हारा तहे दिल से स्वागत है। तुम्हें और तुम्हारे पूरे परिवार को लंबी-अवधि के वीजा दिए जाएंगे, जिससे कि तुम कभी भी आ सको और कहीं भी जा सको।’ नेतन्याहू ने उसी समय 14 जनवरी को अपने भारत दौरे के वक्त मोशे को अपने साथ चलने को कहा था।