जनजीवन ब्यूरो / दिल्ली, भोपाल। गुजरात की पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल को मध्यप्रदेश की नई राज्यपाल नियुक्त किया गया है। अभी राज्यपाल का प्रभार गुजरात के राज्यपाल ओमप्रकाश कोहली संभाल रहे थे।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान आनंदीबेन पटेल ने चुनाव लड़ने से इंकार कद दिया था। इसके बाद से ही उन्हें नया दायित्व दिए जाने को लेकर अटकलें तेज हो गई थी।
आनंदीबेन पटेल का जन्म 21 नवम्बर 1941 को हुआ। वे गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी। वे 1998 से गुजरात की विधायक रही।
आनंदी बेन 1987 से भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी हैं और गुजरात सरकार में सड़क और भवन निर्माण, राजस्व, शहरी विकास और शहरी आवास, आपदा प्रबंधन और वित्त आदि महत्वपूर्ण विभागों की काबीना मंत्री का दायित्व निभा चुकी हैं। वे गुजरात की राजनीति में “लौह महिला” के रूप में जानी जाती हैं।
राज्यसभा के सांसद के तौर पर शुरुआत
आनंदी बेन पटेल ने राज्यसभा के सांसद के तौर पर वर्ष 1994 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। वर्ष 1998 में गुजरात विधानसभा चुनाव जीतकर उनका रुख राज्य की तरफ हो गया था। वर्तमान में वह गुजरात की अकेली ऐसी महिला विधायक हैं जो लगातार चार बार विजयी होकर गुजरात विधानसभा तक पहुंची हैं। शायद ही किसी को मालूम हो कि एक बार उन्होंने झील में डूब रही बच्चियों की जान बचाई थी। इस काम के लिए उन्हें वीरता पुरस्कार से भी नवाजा गया था।
आनंदी का पूरा नाम आनंदी बेन जेठाभाई पटेल है। राज्य के लिए यह कोई नया चेहरा नहीं है। आनंदी राज्य की राजस्व मंत्री होने के साथ-साथ मोदी की भी करीबी मानी जाती हैं। आनंदी बेन का जन्म 21 नवंबर 1941 को गुजरात के मेहसाणा जिले के खारोद गांव में हुआ था। अनुशासन प्रिय आनंदी बेन 7 0 के दशक में अहमदाबाद के मोहिनीबा कन्या विद्यालय की पूर्व प्रधानाचार्या भी रह चुकी हैं।
गुजरात भाषा की अच्छी प्रवक्ता 74 वर्षीय आनंदी और मोदी की लोकप्रियता की बात करें तो राज्य में इन दोनों नेताओं को अपनी कार्यकुशलता के लिए जाना जाता है। मोदी सन् 1988 से आनंदी बेन को जानते हैं जब ये भाजपा में शामिल हुई थीं। आनंदी उस समय से चर्चा में आई जब इन्होंने अकाल पंडितों के लिए न्याय मांगने के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।
वर्ष 1995 में शंकर सिंह वाघेला ने जब बगावत की थी, तो उस कठिन दौर में भी आनंदीबेन और मोदी ने साथ-साथ पार्टी के लिए काम किया था। बेदाग छवि वाली आनंदी बेन के पास अनुभव की कमी नहीं है। आनंदी गुजरात की सबसे लंबे कार्यकाल वाली विधायक का रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी हैं।
इसके अलावा 1998 में कैबिनेट में आने के बाद से वे शिक्षा और महिला एवं बाल कल्याण जैसे मंत्रालयों का जिम्मा संभाल चुकी हैं। आनंदी बेन पटेल ने बतौर शहरी विकास और राजस्व मंत्री ई-जमीन कार्यक्रम, जमीन के स्वामित्व डाटा और जमीन के रिकॉर्ड को कंप्यूटरीकृत करके जमीन के सौदों में होने वाली धांधली की आशंका को कम कर दिया। इनकी इस योजना से गुजरात के 52 प्रतिशत किसानों के अंगूठे के निशानों और तस्वीरों का कंप्यूटरीकरण कर दिया गया।
आनंदी बेन ने बीएसई की पढ़ाई पूरी करने के बाद महिला विकास गृह को ज्वॉइन किया। यहां पर आनंदी बेन ने 50 से भी ज्यादा विधवाओं के कल्याण के लिए वोकेशनल कोर्से शुरू किए। आनंदी बेन को वर्ष 1989 में राष्ट्रपति की ओर से सर्वश्रेष्ठ अध्यापक, 1988 में राज्यपाल की ओर से गुजरात के बेस्ट टीचर का पुरस्कार भी दिया जा चुका है।
एक नजर में आनंदीबेन
सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार (1989)
गुजरात में सबसे बेहतर शिक्षक के लिए राज्यपाल पुरस्कार (1988)
पटेल जागृति मंडल मुम्बई द्वारा ‘सरदार पटेल’ पुरस्कार (1999)
पटेल समुदाय द्वारा ‘पाटीदार शिरोमणि’ अलंकरण (2005)
महिलाओं के उत्थान अभियान के लिए धरती विकास मंडल द्वारा विशेष सम्मान
महेसाणा जिला स्कूल खेल आयोजन में पहली रैंकिंग के लिए ‘बीर वाला’ पुरस्कार
श्री तपोधन ब्रह्म विकास मंडल द्वारा ‘विद्या गौरव’ पुरस्कार (2000)
1994 में उन्होंने बिजिंग में चतुर्थ विश्व महिला सम्मेलन में भारत का नेतृत्व किया।
नर्मदा नदी स्थित नवगाम जलाशय में डूबती हुई लड़की को बचाने हेतु वीरता पुरस्कार्
चारुमति योद्धा पुरस्कार, अहमदाबाद की विजेता
अंबुभाई व्यायाम विद्यालय पुरस्कार (राजपिपला) की विजेता