जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सियासी वार के लिए इस बार उनके ही कार्यक्रम ‘मन की बात’ को हथियार बनाया है। राहुल ने कहा है कि पीएम को नये साल के पहले मन की बात में युवाओं की बेरोजगारी, डोकलाम से चीन को बाहर निकालने और हरियाणा के दुष्कर्म की घटनाओं पर बात करनी चाहिए।
सरकार को असहज करने वाले इन सवालों के तीर शुक्रवार को सीधे नरेंद्र मोदी के ट्वीटर एकाउंट पर दागते हुए राहुल ने मन की बात कार्यक्रम पर भी निशाना साधा है। राहुल ने इस ट्वीट में कहा कि मोदी जी चूंकि आपने 2018 के पहले मन की बात कार्यक्रम के लिए कुछ विचारों का सुझाव मांगा है। इसलिए इस बार के कार्यक्रम में आप हम सब को बताएं कि हमारे युवाओं को रोजगार देने की आपकी योजना क्या है? डोकलाम से चीनी सैनिकों को कैसे निकालेंगे और हरियाणा में दुष्कर्म कैसे रुकेगा।
प्रधानमंत्री और सरकार पर सियासी वार के साथ तंज कसने के लिए राहुल पिछले कुछ समय से ट्विटर का खास सहारा ले रहे हैं। हाल के दिनों में चार साल में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ बनने वाली शीर्ष संस्था लोकपाल का गठन नहीं हो पाने, अर्थव्यवस्था और रोजगार की गिरावट, मेक इन इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया की गाड़ी आगे नहीं बढ़ने को लेकर पीएम पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कई सवाल दागे। इसी तरह जीएसटी कार्यान्वयन की खामियों पर प्रहार के लिए इसे गब्बर सिंह टैक्स बताने से लेकर गुजरात के चुनावी बयान विवाद पर संसद में वित्तमंत्री की सफाई पर राहुल का ट्वीट तंज भी खूब चर्चा में रहा।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की निष्ठा पर उठाए सवालों को थामने के लिए वित्तमंत्री अरुण जेटली के स्पष्टीकरण पर कांग्रेस के असंतोष का इजहार करने के लिए राहुल ने जेटली पर तंज कसा था। भाजपा ने इस पर जवाबी सियासी वार तो किया है साथ ही राज्यसभा में राहुल गांधी के खिलाफ पार्टी सांसद भूपेंद्र यादव ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस दे दिया। सभापति वेंकैया नायडु ने राहुल के लोकसभा सदस्य होने की वजह से इस विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव को स्पीकर सुमित्रा महाजन के विचार के लिए भेज दिया था।