जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत की जांच की सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में ही इस केस की सुनवाई हो सकती है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने कहा कि केस की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए क्योंकि यह गंभीर मामला है और अदालत सारे कागजात देखेगी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि हाई कोर्ट में दाखिल सभी केस सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों से कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह पर आक्षेप नहीं लगायें, क्योंकि वह इस मामले में पक्षकार नहीं हैं.
इस आदेश के बाद जज लोया की मौत से जुड़ी दो याचिकाएं बॉम्बे हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर हो जाएंगी. हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि जज लोया की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई और जांच में किसी तरह की साजिश का पता नहीं चला है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि कोई भी हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई नहीं करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बीएच लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत से जुड़ी बंबई हाईकोर्ट की दो याचिकाओं को अपने पास मंगवा लिया. इस संबंध में एक वरिष्ठ महिला वकील के यह कहने पर कि सुप्रीम कोर्ट मीडिया की आवाज दबा रहा है, भारत के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा नाराज हो गये. उन्होंने महिला वकील से अपना बयान वापस लेने और माफी मांगने के लिए कहा.
सुनवाई के दौरान बेंच उस समय नाराज हो गई जब बंबई लॉयर्स असोसिएशन की ओर से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि सब कुछ उन्हें (शाह) को बचाने के लिए किया गया है. इस असोसिएशन ने ही बॉम्बे हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. इस पर महाराष्ट्र सरकार के वकील हरीश साल्वे की कड़ी आपत्ति पर विचार करते हुए बेंच ने भी कहा, ‘आज की स्थिति के अनुसार यह स्वाभाविक मृत्यु है. फिर आक्षेप मत लगाइए.’
सुनवाई के दौरान एक अन्य वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने संभावित भावी आदेश का निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि अदालत इस मामले में मीडिया पर अंकुश लगा सकती है. इस पर चीफ जस्टिस ने अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा, ‘मेरे प्रति यह न्याय संगत नहीं है. आप ऐसा नहीं कर सकतीं.’ इसके साथ ही उन्होंने इंदिरा जयसिंह से कहा कि वह अपने शब्द वापस लें और इसके लिये माफी मांगे. इंदिरा जयसिंह ने अपना बयान वापस लेने के साथ ही क्षमा याचना कर ली.
अब अगली सुनवाई 2 फरवरी को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह जज लोया की मौत से जुड़े सभी दस्तावेजों का परीक्षण करेगा. सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई के दिवंगत जज बी. एच. लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग की जा रही है. जज लोया सीबीआई के स्पेशल कोर्ट में सोहराबुद्दीन फेक एनकाउंटर मामले को देख रहे थे. इस हाईप्रोफाइल केस में मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत गुजरात के कई बड़े अधिकारी नामजद थे. इस मामले में अमित शाह बरी हो चुके हैं.