जनजीवन ब्यूरो/ दावोस । वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के शिखर सम्मेलन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हम समाज में एकजुटता चाहते हैं ना कि बंटवारा। मोदी ने भारत के गौरवशाली इतिहास को इस विषय से जोड़ते हुए मौजूदा विश्व की समस्याओं और न्यायपूर्ण विकास में टेक्नोलॉजी की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने सभी देशों से एकजुट होकर साझा प्रयास करने को कहा, ताकि आज दुनिया के सामने जो चुनौतियां हैं, उनसे निपटा जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के साथ दावोस में विश्व आर्थिक सम्मेलन का आगाज हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन से लेकर आतंकवाद की चुनौती पर अपनी बातें रखी। उन्होंने टेक्नोलॉजी को जोड़ने, मोड़ने और तोड़ने वाला बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने निवेश के लिए भारत आने का न्योता दिया। पीएम ने दुनिया को आर्थिक मोर्चों पर भारत की कामयाबी के बारे में बताया। उन्होंने दुनिया को भारत में निवेश का भी न्यौता दिया।
पीएम ने ग्लोबल वॉर्मिंग को सबसे बड़ा खतरा बताया। इससे निपटने के लिए सभी देशों को साथ आने को कहा। वहीं पीएम मोदी ने आतंकवाद दुनिया में सबसे बड़ी चुनौती बताया, लेकिन उन्होंने कहा कि गुड टेरेरिज्म और बैड टेरेरिज्म का काल्पनिक भेद ज्यादा खतरनाक है।
दावोस में पीएम मोदी ने भारत की स्टोरी बताते हुए कहा कि सन 1997 से भारत के जीडीपी में 6 गुना की बढ़ोतरी हुई है जबकि 1997 में जीडीपी 400 डॉलर अरब से कुछ अधिक थी। डाटा के ग्लोबल प्रवाह से बड़े अवसरों का जन्म हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि पारदर्शिता बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी जरूरी है। हालांकि विश्व में शांति, सुरक्षा बरकरार रखना को चुनौती भी बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत में पहली बार जीएसटी जैसा रिफॉर्म की शुरुआत की गई। बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में भारत का विश्वास है।