जनजीवन ब्यूरो / मुंबई । हालांकि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में काफी देर है लेकिन शिवसेना ने बीजेपी से अपनी राह अलग करने की घोषणा कर दी है
शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ने के फ़ैसले पर मुहर लगा दी. मुंबई में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में मंगलवार को इस बाबत प्रस्ताव पारित किया गया. इसमें साफ़ तौर पर कहा गया कि 2019 में होने वाले लोक सभा और विधानसभा के चुनाव पार्टी अपने दम पर अकेले लड़ेगी.
इसके अलावा पार्टी की युवा सेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे को राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य भी बनाया गया है. उन्हें मिलाकर अब पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति में कुल 13 सदस्य हो गए हैं. इस बैठक में एक अन्य प्रस्ताव पारित किया गया. इसमें महाराष्ट्र सरकार से मांग की गई कि राज्य के किसानों को पूर्ण कर्ज़ माफ़ी दी जाए. मीडिया के सामने इन फ़ैसलों का ऐलान पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने किया.
ग़ौरतलब है कि शिवसेना नेतृत्व अब राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर स्थापित होने का भी संकेत दे रहा है. राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य बनाए गए आदित्य बीते दिसंबर में कह चुके हैं, ‘हम राष्ट्रीय राजनीति में उतरेंगे. हमने गोवा और गुजरात में चुनाव लड़ा है. इसके बाद मध्य प्रदेश और राजस्थान में उम्मीदवार उतारेंगे. उत्तर प्रदेश और कश्मीर में हमने अच्छे वोट हासिल किए थे. और अब बहुत संभव है कि हम केरल के चुनाव में भी उतरें.’ इसके बाद आदित्य की तरक्क़ी से अब माना जा रहा है कि पार्टी उनकी रणनीति के हिसाब से आगे बढ़ने वाली है.