जनजीवन ब्यूरो / मुंबई । राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे को पार्टी का नेता बनाया गया है.
जूनियर ठाकरे अब पार्टी की कोर टीम का हिस्सा होंगे. वे पहले से ही युवा सेना का नेतृत्व कर रहे थे. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शिवसेना ने चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को निर्वाचित करने के लिये आंतरिक चुनाव कराए. ये चुनाव पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे की जयंती पर कराए गए.
शिवसेना के वरिष्ठता क्रम में ‘नेता’ और ‘उपनेता’ का पद पार्टी अध्यक्ष के पद के बाद आता है. इस अवसर पर शिवसेना ने उद्धव ठाकरे के निजी सहायक मिलिंद नार्वेकर को पार्टी सचिव बनाने का भी प्रस्ताव पारित किया.
नार्वेकर ने शिवसेना की अपनी सहयोगी भाजपा के साथ चर्चा में अक्सर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. शिवसेना नेताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा, ‘‘मैं अब भी याद करता हूं जब शिवसेना ने 1966 में अपनी पहली दशहरा रैली आयोजित की थी. मैं तब पांच साल का था और मां की गोद में बैठा था. मैंने अपने पिता और अन्य नेताओं का जोरदार भाषण सुना. हमारे कंधों पर इसे आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है’’
अपने पुत्र को पदोन्नत करने को लेकर होने वाली आलोचना को पहले ही रोकने की कोशिश करते हुए उद्धव ने कहा कि बाल ठाकरे ने ‘‘पारिवारिक राजनीति और लोगों के लिये काम करने की पारिवारिक परंपरा के बीच भेद को स्पष्ट किया था’’ उद्धव ने कहा कि उनके परिवार का कोई भी लोगों के भरोसे को नहीं तोड़ेगा और लोगों के कल्याण के लिये काम करते रहेंगे.
आदित्य के अलावा राज्य मंत्री एकनाथ शिंदे, केंद्रीय मंत्री अनंत गीते और लोकसभा सदस्य–चंद्रकांत खैरे और आनंदराव अडसुल को ‘नेता’ बनाया गया। शिवसेना में अब 13 ‘नेता’ होंगे. इनमें से पांच नये हैं. दिवाकर रावते, सुभाष देसाई और राज्यसभा सदस्य संजय राउत वे प्रमुख नाम हैं जो पार्टी में ‘नेता’ के पद पर हैं. विट्ठलराव गायकवाड और रघुनाथ कुचिक को नया ‘उपनेता’ चुना गया.