अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली । गणतंत्र दिवस 26 जनवरी से एक दिन पहले 25 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार की शाख दांव पर है। करनी सेना जहां जनता कर्फ्यू में लोगों को घरों से निकल कर फिल्म न देखने की नसीहत दे रही है वहीं लोग फिल्म को देखने को उत्सुक हैं। पांच राज्यों में फिल्म ‘पद्मावत’ का विरोध और उग्र हो गया है। हरियाणा, राजस्थान, यूपी, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में हिंसक प्रदर्शन हुए। उपद्रवियों ने कई सड़कें जाम कर दीं और बसों को फूंक दिया।
दिल्ली-एनसीआर में भी कई जगह तोड़फोड़ हुई है। गुरुग्राम के सोहना रोड पर प्रदर्शनकारियों ने एक बस को आग के हवाले कर दिया। जिले में रविवार तक थियेटरों की 200 मीटर की परिधि में धारा 144 लगा दी गई है। यूपी में मेरठ के पीवीएस मॉल में पद्मावत के विरोध में पथराव किया गया। मथुरा में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन रोकने की कोशिश की।
राजधानी लखनऊ में पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। मुंबई में अलग-अलग जगहों से करणी सेना के 50 समर्थकों को हिरासत में लिया गया है। गुजरात में मंगलवार को अहमदाबाद में मल्टीप्लेक्स में हुई तोड़फोड़ के मामले में भी 50 लोग हिरासत में लिए गए हैं।
इस बीच, मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा है कि राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और गोवा में फिल्म का प्रदर्शन नहीं होगा। यह संस्था 75 फीसदी मल्टीप्लेक्स मालिकों का प्रतिनिधित्व करती है।
गुजरात के थियेटर मालिकों ने विवाद खत्म होने तक किसी भी मल्टीप्लेक्स और सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर में फिल्म न प्रदर्शित करने का फैसला किया है।
वहीं, राजस्थान में राजपूत समुदाय की 1,900 महिलाओं के जौहर करने को तैयार होने से एलान के बाद करणी सेना की चित्तौड़गढ़ इकाई के प्रमुख को गिरफ्तार कर लिया गया है। उधर, करणी सेना के संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी ने दावा किया है कि राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व बिहार के फिल्म वितरकों ने उन्हें फिल्म रिलीज नहीं करने का आश्वासन दिया है।
स्कूली बस पर हमला, बच्चों पर फेंके पत्थर
देश की राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम में करणी सेना के कथित कार्यकर्ताओं ने एक स्कूल बस पर हमला कर दिया। करणी सेना संजय लीला भंसाली की मूवी पद्मावत का विरोध कर रही है। गुरुग्राम में करणी सेना ने धमकी दी थी कि अगर यहां पर पद्मावत रिलीज की जाएगी तो वे थिएटर को निशाना बनाएंगे। बुधवार को करणी सेना के कार्यकर्ता मूवी का विरोध कर रहे थे। तभी वहां से गुजर रही एक स्कूली बस पर हमला बोल दिया। बस में बैठे बच्चों पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया।
बताया जा रहा है कि इस पत्थरबाजी में दो बच्चे घायल हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मूवी का विरोध कर रहे करणी सेना के कार्यकर्ताओं के पास ‘पेट्रोल बम’ भी थे। इस हमले में स्कूल की बस के शीशे तोड़ टूट गए। प्रदर्शन कर रही भीड़ ने जब स्कूल बस को रोका और उस पर हमला किया तो बस में सवार टीचर ने सभी बच्चों को फर्श पर लेट जाने को कहा। इस हमले से बच्चे डर गए और वहां चीख पुकार मच गई।
इस घटना पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा, ‘जो लोग तोड़फोड़ कर रहे हैं वो गुंडे है। किसी को भी तोड़फोड़ की इजाजत नहीं है।’ इसके बाद कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।हालांकि, करणी सेना ने इस घटना की निंदा की है। करणी सेना ने कहा, ‘ये बिल्कुल गलत और कायराना हरकत है। राजपूतों का काम गुंडागर्दी करना नहीं है।’
– गुरुग्राम के भोंडसी में पद्मावत फिल्म के विरोध में रोडवेज बस में आग लगाई
– फरीदाबाद में फिल्म का विरोध करने वाले 30 युवाओं को हिरासत में लिया
– गुरुग्राम के वजीरपुर-पटौदी रोड पर विरोध-प्रदर्शन
– गुरुग्राम में सोहना रोड पर प्रदर्शनकारियों ने रोडवेज बस फूंकी, पत्थरबाजी भी हुई।
मध्य प्रदेश में उग्र प्रदर्शन, बल प्रयोग
मध्य प्रदेश के भोपाल में करणी सेना, राजपूत समाज सहित हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय में डेरा डाल दिया। प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हैं। करणी सेना के सदस्य ऋषिराज ने कहा, ‘करणी सेना फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने देगी। हमारा आंदोलन जारी रहेगा।’
इसी तरह ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, रतलाम और मुरैना में भी प्रदर्शन जारी है। कई स्थानों पर लोगों ने टायर जलाकर और सड़क जाम कर यातायात बाधित करने की कोशिश की। कई जगह पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। राज्य के विधि एवं विधायी मंत्री रामपाल सिंह ने संभलकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार समाज और न्यायालय के सम्मान का ध्यान रखते हुए फैसले की समीक्षा करेगी और आवश्यक कदम उठाएगी।
दमोह में कलेक्ट्रेट पहुंचे क्षत्रिय समाज के महिला पुरुषों ने एक स्वर में कहा कि रानी पद्मावत का गलत चित्रण कर बनाई गई फिल्म यदि दमोह में रिलीज होगी तो वे इसका विरोध करेंगे। उनका कहना है कि रानी पद्मावत को वह देवी के रूप में पूजते हैं और फिल्म में उन्हें गलत विपरीत पात्र के रूप में दिखाया गया है। क्षत्रिय समाज के वरिष्ठ नारायण सिंह ठाकुर ने कहा कि उनका विरोध शांतिपूर्ण होगा, लेकिन वह इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वाले के खिलाफ विरोध करेंगे और फिल्म नहीं चलने देंगे।
एक सवाल के जवाब में श्री ठाकुर ने कहा कि ये बात सही है कि फिल्म अभी रिलीज नहीं हुई है तो फिर ये कैसे कहा जा सकता है कि रानी पद्मावत का गलत चित्रण किया गया है, लेकिन फिल्म के ट्रेलर को देखकर ये तय होता है कि फिल्म को लोकप्रिय और चटपटा बनाने के लिए रानी के किरदार को गलत ढंग से पेश किया गया है। इसके अलावा फिल्म निर्माता के बयान ने भी इस बात को साबित कर दिया है कि जिस बात का विरोध क्षत्रिय समाज द्वारा किया जा रहा है वह सही है। इस दौरान बड़ी संख्या में क्षत्रिय समाज के महिला-पुरुष शामिल थे।
राजस्थान
– चित्तौड़गढ़ किले के पास करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया।
– प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे को ब्लॉक किया।
यूपी में प्रदर्शन-पथराव
पद्मावत विरोध की आग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी पहुंच गई। क्षत्रिय समाज ने ‘चेतावनी रैली’ निकाली तथा संजय लीला भंसाली का पुतला फूंक कर विरोध व्यक्त किया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कई युवकों ने सिनेमा हॉल मालिकों एवं प्रबंधकों से मिलकर धमकी-भरे लहजे में फिल्म नहीं दिखाने की अपील की है।
हापुड़ के पिलखुआ सिनेमा हाल के बाहर नारेबाजी की गई। लखनऊ के जीपीओ पार्क स्थित गांधीजी की प्रतिमा के सामने एक संगठन ने फिल्म के विरोध में धरना दिया। आगरा में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा प्रदर्शन करेगा। संगठन के क्षत्रिय समाज की भावना को ध्यान में रखते हुए सिनेमाघरों से फिल्म का प्रदर्शन न करने का अनुरोध किया है।
कानपुर के सर्वोदय नगर स्थित एक मॉल में नारेबाजी करते घुसी भीड़ ने मल्टीप्लेक्स में पथराव कर दिया। फिल्म के पोस्टर फाड़ने के बाद वेटिंग हॉल की कुर्सियां और मेज पलट दी। मल्टीप्लेक्स के मैनेजर ने 30-35 लोगों के खिलाफ बवाल, गाली-गलौज और मारपीट की एफआईआर दर्ज कराई है।
– मेरठ में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनें रोकीं।
– मेरठ- पीवीएस मॉल पर पत्थर फेंके गए।
मथुरा में सशस्त्र प्रदर्शन
ब्रजमंडल क्षत्रिय राजपूत महासभा के अध्यक्ष ठा.मुकेश सिकरवार के नेतृत्व में मंगलवार राजपूत हाथों में बंदूक, तलवार, गदा, कटार, फर्से से लैस होकर कृष्णा प्लाजा में एकत्रित हुए। यहां राजपूतों ने फिल्म निर्देशक भंसाली के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने प्रदेश में इसके प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग थी।
गुजरात में प्रदर्शन
उधर, गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने गांधीनगर में कहा कि अदालत की ओर से प्रतिबंध पर रोक हटाने के बावजूद राज्य के अधिकतर सिनेमाघर मालिकों ने इसे प्रदर्शित नहीं करने का फैसला किया है। जो भी सिनेमाघर इसे प्रदर्शित करना चाहेंगे सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएगी। सूरत में पुलिस कमिश्नर सतीष शर्मा ने कहा कि फिल्म के विरोध में पिछले दिनों उग्र प्रदर्शन के सिलसिले में दर्ज पांच मामलों में अब तक 42 लोगों को पकड़ा गया है तथा 29 अन्य को चिन्हित किया गया है।
– प्रदर्शन कर रहे करणी सेना के 35 से ज्यादा समर्थकों को मुंबई में हिरासत में लिया गया
– जम्मू में इंदिरा सिनेमा में तोड़फोड़, पद्मावत के विरोध में लगे नारे