जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । गणतंत्र दिवस के पूर्व संध्या पर संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत विरोध के बीच रिलीज हो गई है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की नसीहत के बावजूद करणी सेना और राजपूत संगठनों का उग्र प्रदर्शन जारी है. विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में पद्मावत विवाद को लेकर 2 याचिकाएं डाली गई हैं. अवमानना के मामले पर कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा.
इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा लेकिन अदालत ने सख्त टिप्पणी की. अदालत ने कहा कि जिन्हें फिल्म पसंद न हो वे न देखें. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कोई रोक नहीं है.
पहली याचिका करणी सेना के खिलाफ न्यायालय के आदेश की अवमानना को लेकर दायर की गई है. याचिकाकर्ता विनीत ढांडा ने फिल्म के विरोध में हो रही हिंसा को लेकर श्री राजपूत करणी सेना के तीन नेताओं, सूरजपाल अम्मू, कर्ण सिंह और लोकेंद्र सिंह कालवी के खिलाफ अदालत के आदेशों की अवमानना की याचिका दायर की.
दूसरी याचिका राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश के खिलाफ दर्ज की गई है. चारों राज्यों पर कोर्ट की अवमानना के मामले में याचिका दायर की गई है. बता दें कि ‘पद्मावत’ हिंदी, तमिल और तेलुगु भाषा के साथ ये फिल्म 6 से 7 हजार स्क्रीन्स पर रिलीज की जा रही है. फिल्म का विरोध कर रही करणी सेना ने आज देशव्यापी बंद का ऐलान किया है. विरोध के चलते गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गोवा में सिनेमाघर मालिकों ने फिल्म नहीं दिखाने का फैसला किया है. बिहार में पटना को छोड़कर राज्य के बाकी हिस्सों में फिल्म रिलीज हुई. करणी सेना और राजपूत संगठनों से जुड़े लोगों का रिलीज के दिन भी प्रदर्शन जारी है.
बिहार के आरा में करणी सेना समर्थकों ने सड़क पर टायरों को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. भोजपुर में भी सड़क पर आगजनी और तोड़फोड़ की गई. सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह आगजनी कर तोड़फोड़ मचाया. घटना में कई लोग जख्मी हो गए. लाचार पुलिस बेबस तमाशा देखती रही.