जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । फिल्म पद्मावत के भारी विरोध के बीच राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी पकोड़े तलने लगे हैं. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि ऐसी फिल्मों को नहीं बनना चाहिए जो किसी जाति या क्षेत्र की भावनाओं को ठेस पहुंचाती हो। वहीं यूनियन मिनिस्टर वीके सिंह ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इतिहास में तोड़ मरोड़ करने की इजाजत नहीं देती।
इसलिए जो लोग विरोध कर रहे हैं, उनके साथ बैठ कर इस मुद्दे को सुलझाया जाये। उन्होंने कहा कि जब मुद्दे सहमति से नहीं सुलझते तो उसमें गड़बड़ होती है।
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पद्मावत विवाद के मुद्दे पर गुड़गांव में बच्चों की बस पर हुए हमले की निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि बच्चों के खिलाफ हिंसा को जायज नहीं ठहराया जा सकता। हिंसा और नफरत कमजोर लोगों के हथियार हैं। बीजेपी इसे पूरे देश में फैला रही है।
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जो कुछ भी हो रहा है यह बीजेपी की ‘पाकोडा’ राजनीति के तहत की जा रही है। ओवैसी ने पीएम पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधान मंत्री और उनकी पार्टी ने बवालियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। क्या केवल मुस्लिमों के लिए 56 इंच की छाती दिखाई जाती है।
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि यह फिल्म पुराने जख्मों को कुदेरती है, इस तरह की फिल्मों को नहीं बनाया जाना चाहिए। क्योंकि ऐसी फिल्मों का कोई ऐतिहासिक मूल्य नहीं होता।
उन्होंने कहा कि अगर इसका इतिहास के साथ कुछ नहीं करना है तो आप इसे क्यों बना रहे हैं? उन्होंने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि वह इस मामले पर अपना रुख क्यों स्पष्ट नहीं कर रहे?