जनजीवन ब्यूरो/ नई दिल्ली। चीन से संबंधों में कड़वाहट के बीच भारत ने ASEAN के साथ समुद्री सहयोग बढ़ाने की बात कही है। रक्षा संबंधों को आगे बढ़ाने का भी इरादा जताया गया है। भारत की आसियान से इस करीबी पर चीन की गहरी नजर है, क्योंकि आसियान के कुछ देशों के बीच साउथ चाइना सी के क्षेत्राधिकार को लेकर विवाद है।
ASEAN यानी असोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस में म्यांमार, थाइलैंड, विएतनाम, इंडोनेशिया, मलयेशिया, फिलिपींस, सिंगापुर, कंबोडिया, लाओस और ब्रुनेई शामिल हैं। इन देशों के नेता गणतंत्र दिवस की परेड में चीफ गेस्ट होंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इनकी बातचीत हुई। राजनयिक रिश्तों के 25 साल के बीच भारत और आसियान स्मृति शिखर सम्मेलन से पहले रिट्रीट सेशन में दोनों पक्षों की बातचीत का फोकस समुद्री सहयोग रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत आसियान देशों के इस विचार के साथ है कि समुद्र और महासागरों के लिए नियम पर आधारित व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान जरूरी है। हिंद प्रशांत क्षेत्र में विकास के लिए सहयोग की खातिर जरूरी है कि समुद्री आवाजाही की आजादी हो।
आसियान के कुछ देशों का चीन से साउथ चाइना सी पर विवाद है, जबकि यह जलक्षेत्र विश्व भर के समुद्री कारोबार के लिए अहम है। चीन इस पर अपना अधिकार जताता है और इस मामले में अपने खिलाफ इंटरनैशनल कोर्ट के फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं है। भारत इस इलाके में खुली आवाजाही और कारोबार का समर्थन करता है। इन हालात में आसियान देश चाहते हैं कि भारत के साथ रक्षा संबंध भी गहरे हों। विदेश मंत्रालय ने बताया कि जिस तरह भारतीय नेवी की 6 महिला अफसरों की टीम समुद्री नौकायन पोत तारिणी के जरिए सितंबर में पहली बार पूरी दुनिया के भ्रमण अभियान पर निकली है, उसी के आधार पर प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि आसियान और भारत की नेवी की संयुक्त महिला टीम इस तरह के भ्रमण पर जा सकती है। आसियान के साथ समुद्री परिवहन के सहमति पत्र पर साइन के लिए भी बातचीत जारी है।
प्रधानमंत्री मोदी की गुरुवार को आसियान के 6 देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक हुई। सभी ने इस बात पर जोर दिया कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और सहयोग के लिए भारत के साथ सहयोग बढ़ाना चाहेंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि म्यांमार की नेता आंग सान सू की के साथ बातचीत में कनेक्टिविटी, उत्तर पूर्वी राज्यों में शांति के लिए अहम सीमा के हालात और रोहिंग्याओं के लिहाज से अहम रखाइन स्टेट के मुद्दे पर बातचीत हुई। आसियान में भारत के लिए कोऑर्डिनेटर विएतनाम से 10 करोड़ डॉलर के लाइन ऑफ क्रेडिट को ऑपरेशनल करने पर बातचीत हुई। विएतनाम से भारत के लिए सीधी उड़ान सेवा घोषित हो सकती है।
फिलीपींस के राष्ट्रपति दुतर्ते की फ्लाइट वहां ज्वालामुखी विस्फोट के कारण देर हुई, फिर भी वह पूरे प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आए।
इस साल जुलाई से भारत के लिए थाइलैंड ही आसियान में कोऑर्डिनेटर होगा। टूरिजम और कनेक्टिविटी बढ़ाने, बिम्सटेक जैसे दूसरे ग्रुपों में सहयोग बढ़ाने, रक्षा और समुद्री सहयोग पर थाइलैंड से बातचीत हुई। सिंगापुर आसियान का अध्यक्ष है। इसके फिनटेक और भारत के रूपे किस तरह डिजिटल ट्रांजैक्शन की लागत घटा सकते हैं, इस पर बात हुई। एयर कनेक्टिविटी और स्मार्ट सिटी पर बातचीत हुई। पीएम ने ब्रुनेई के सुल्तान से भी बात की, जिन्होंने मोदी को ब्रुनेई बुलाया, जिसे स्वीकार कर लिया गया।