जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने रविवार को कहा कि पकौड़े बेचना भी एक नौकरी है। इस हिसाब से भीख मांगना भी नौकरी है। गरीब और बेसहारा लोग जो जीवनयापन के लिए लोगों से भीख मांगते हैं उन्हें भी नौकरीपेशा माना जाना चाहिए। रोजगार सृजन के मुद्दे पर मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना की। पीएम पर निशाना साधने के लिए उन्होंने लगातार 8 ट्विट किए। अपने पहले ट्विट में उन्होंने कहा- हमारी कॉमनसेंस पर सरकार द्वारा रोजगार सृजन के झूठे दावों के जरिए होने वाले हमले के लिए तैयार रहें।
चिदंबरम ने अपने दूसरे ट्विट में कहा कि 2017-18 के दौरान 70 लाख नई नौकरियों के दावे को दो विद्वानों ने पंक्चर कर दिया। तीसरे ट्विट में कहा- पहले यह दावा किया गया था कि 43,000 रुपए के मुद्रा लोन के जरिए कम से कम एक नई नौकरी पैदा की जा सकती है। मुझे वो एक शख्स दिखाओ जो 43,000 के निवेश से नई नौकरी बना सकता है।
अपने पांचवे ट्विट में नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए पूर्व वित्त मंत्री ने लिखा- पीएम ने कहा कि पकौड़े बेचना भी एक नौकरी है। इस हिसाब से भीख मांगना भी नौकरी है। गरीब और बेसहारा लोग जो जीवनयापन के लिए लोगों से भीख मांगते हैं उन्हें भी नौकरीपेशा माना जाना चाहिए। दरअसल, एक टीवी इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि अगर कोई शख्स किसी दफ्तर के नीचे पकौड़े भी बेचता है तो क्या उसे रोजगार नहीं माना जाएगा?