जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । अपनी गिरती लोकप्रियता से घबराए पीएम नरेंद्र मोदी देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की वकालत कर रहे हैं ताकि उन्हें फायदा मिल सके। पीएम अपने संबोधनों में लगातार इस बात का जिक्र कर रहे हैं। सोमवार को बजट सत्र में जहां राष्ट्रपति कोविंद ने अपने अभिभाषण में इसके लिए सहमति बनाने की वकालत की वहीं पीएम मोदी ने एनडीए की बैठक में इस मुद्दे को छेड़ा है। कांग्रेस को भी इसकी आशंका है और वह बजट सत्र में ट्रिपल तलाक जैसे महत्वपूर्ण बिलों को पास कराने की मोदी सरकार की कवायद को इसी से जोड़ कर देख रही है।
सोमवार को संसद में एनडीए के अपने सहयोगियों के साथ बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी को लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की दिशा में काम करना चाहिए। मोदी की इस बात एक तरह से इसे एनडीए के अपने सहयोगियों के बीच आम राय बनाने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है। संसद में बजट सत्र की शुरुआत से पहले राष्ट्रपति कोविंद ने अपने अभिभाषण में भी इसका जिक्र किया।
मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी एक साथ चुनाव की बात कही। राष्ट्रपति ने कहा कि बार-बार चुनाव होने से राज्य और केंद्र सरकार के विकास कार्यों में बाधा पहुंचती है। उन्होंने कहा, ‘केंद्र और राज्यों के चुनाव एक साथ कराए जाने से विकास कार्यों में जो बाधा बार-बार चुनाव से होती है, वह दूर हो सकेगी।’ बता दें कि खुद प्रधानमंत्री मोदी भी चुनाव सुधारों पर चर्चा करते हुए इसे अहम सुधार बता चुके हैं।