जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली: दिल्ली में चल रही सीलिंग को लेकर कांग्रेस, आप और बीजेपी व्यापारियों का वोट बटोरने के लिए जी तोड़ प्रयास में जुटी है. आवासीय क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सीलिंग को जायज माना जा रहा है . मास्टर प्लान में बदलाव किए बिना सीलिंग को रोकना नामुमकीन है.
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी और पार्टी के अन्य नेता मंगलवार को सीलिंग के मुद्दे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ हो रही बैठक से वाकआउट कर गए. मनोज तिवारी ने केजरीवाल की आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया और कहा कि आप विधायकों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. साथ ही कहा कि इस बैठक में असमाजिक तत्व भी शामिल थे. हालांकि, आम आदमी पार्टी ने भाजपा के इन आरोपों को खारिज कर दिया है.
मनोज तिवारी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के आवास पर उत्तर दिल्ली नगर निगम की मेयर प्रीति अग्रवाल और पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मेयर नीमा भगत पर भी ‘हमला किया गया’ उन्होंने आरोप लगाया कि आप सरकार ‘शहरी नक्सलियों’ की तरह काम कर रही है.
भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल सीलिंग अभियान के मुद्दे पर चर्चा के लिए आज मुख्यमंत्री के आवास पर गया था, लेकिन यह बैठक जल्द ही अफरा-तफरी में तब्दील हो गई. दिल्ली भाजपा के महासचिव रवींद्र गुप्ता ने आप विधायकों के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है.
मनोज तिवारी ने कहा, ‘इस घटना से स्पष्ट है कि सरकार सीलिंग जैसे मुद्दे पर गंभीर नहीं है. वे शहरी नक्सली की भूमिका में हैं.’ केजरीवाल ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘ये आधारहीन आरोप हैं. अगर किसी विधायक ने दुर्व्यवहार किया होता तो मैं उसको (पाटी से) बाहर कर देता.’ दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आवास पर आप के कुछ विधायकों और अन्य लोगों ने उनके साथ मारपीट की.
दिल्ली भाजपा के महासचिव रवींद्र गुप्ता की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत में आप विधायकों जरनैल सिंह, अखिलेशपति त्रिपाठी, राजेश रिषि और जितेंद्र तोमर के नाम लिए हैं. तिवारी ने कहा कि वह केजरीवाल को पत्र लिखकर चुनौती देंगे कि वह सीलिंग के मुद्दे पर रामलीला मैदान पर उनके साथ सार्वजनिक बहस करें.